13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : मोबाइल दे रहा सर्वाइकल रोग

पटना : इन दिनों मोबाइल कंपनियों के अनलिमिटेड डेटा प्लान के चलते आम लोगों के अलावा बच्चे ज्यादातर मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं. ऐसे में बच्चों में जहां सर्वाइकल परेशानियां बढ़ रही हैं, वहीं बच्चे इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर के शिकार भी हो रहे हैं. स्थिति यह है कि अस्पतालों में हर महीने 40 से […]

पटना : इन दिनों मोबाइल कंपनियों के अनलिमिटेड डेटा प्लान के चलते आम लोगों के अलावा बच्चे ज्यादातर मोबाइल पर ही व्यस्त रहते हैं. ऐसे में बच्चों में जहां सर्वाइकल परेशानियां बढ़ रही हैं, वहीं बच्चे इंटरनेट एडिक्शन डिसऑर्डर के शिकार भी हो रहे हैं.
स्थिति यह है कि अस्पतालों में हर महीने 40 से 50 बच्चे पहुंचते हैं, जो किसी-न-किसी रूप में मोबाइल फोन से जुड़ी दिक्कतों से परेशान रहते हैं. इस बात का खुलासा बिहार ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित सेमिनार और एनएमसीएच के हड्डी रोग विभाग ने भी किया है. हड्डी रोग के डॉक्टरों ने बच्चों के परिजनों को सावधान रहते हुए खास कर छोटे बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रखने की सलाह दी है.
गर्दन व पीठ में बढ़ जाता है दर्द
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ महेश प्रसाद ने बताया कि उनके पास ऐसे बच्चे आते हैं, जो ज्यादातर मोबाइल फोन के गेम में ही व्यस्त रहते हैं. मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते समय गर्दन झुका कर रहते हैं. दिन में ज्यादातर समय मोबाइल के उपयोग से बच्चों में गर्दन और पीठ दर्द बढ़ जाता है. सही समय पर उपचार नहीं कराया जाये, तो यही सूजन और गांठ तक में बदल जाता है. यहां तक कि अगर गांठ का समय पर इलाज नहीं कराएं तो ऑपरेशन कराने की नौबत आ जाती है.
मोबाइल पर गेम की लत
डॉ महेश प्रसाद ने कहा कि इन दिनों आम लोगों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी मोबाइल फोन की लत लग गयी है. बच्चे घंटों मोबाइल फोन लेकर गेम खेलते रहते हैं. यह बच्चों के शारीरिक विकास को तो प्रभावित करता ही है, साथ ही मानसिक विकास को भी रोकता है. इस तरह के अधिकांश बच्चों में गर्दन दर्द की समस्या देखने को मिलती है.
मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से मायोपिया (दृष्टि दोष) सबसे पहले शुरू हो जाता है.इससे बच्चों के हड्डी कमजोर होने के अलावा आंखों की रोशनी भी कमजोर हो जाती है. आंकड़ों के अनुसार 12 साल तक की उम्र वाले हर 10 में से 2 बच्चे इसकी जकड़ में आ रहे हैं. सिर दर्द की समस्या के अलावा बच्चों में चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है.
औसतन एक दिन में दो घंटे अधिक मोबाइल के प्रयोग का सीधा असर बच्चों की गर्दन पर पड़ता है. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे जब मोबाइल का प्रयोग करते हैं, तो वे उसमें खो जाते हैं और समय दायरा बढ़ता जाता है. नतीजा कम उम्र में ही सर्वाइकल की परेशानी देखने को मिलती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें