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तो बेऊर व सैदपुर में होगी जलजमाव की समस्या
इधर, शहर के डूबने का खतरा पटना : बेऊर व सैदपुर में सीवरेज नेटवर्क विस्तार का काम चल रहा है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ नेटवर्क का जाल भी बिछाया जा रहा है. इसमें दोनों प्रोजेक्टों को मिला कर लगभग एक दर्जन वार्डों में पाइप बिछायी जा रही है. इसके लिए इन इलाकों में […]
इधर, शहर के डूबने का खतरा
पटना : बेऊर व सैदपुर में सीवरेज नेटवर्क विस्तार का काम चल रहा है. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के साथ नेटवर्क का जाल भी बिछाया जा रहा है.
इसमें दोनों प्रोजेक्टों को मिला कर लगभग एक दर्जन वार्डों में पाइप बिछायी जा रही है. इसके लिए इन इलाकों में सड़कों की खुदाई की गयी है. कई गलियों में भी नेटवर्क को लेकर खुदाई कर दी गयी है. अब बरसात में इन इलाकों में भारी जलजमाव की समस्या होने की संभावना बन गयी है. एेसे में अगर बरसात से पहले काम पूरा नहीं होता है, तो इसको लेकर बड़ी समस्या हो सकती है.
30 जून तक दिया गया है लक्ष्य : बुडको की ओर से इन सभी जगहों पर नेटवर्क व एसटीपी का काम किया जा रहाहै. बुडको के एमडी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनियों को 30 जून पर काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
निर्देश में कहा गया है कि अभी तक जिन क्षेत्रों में पाइप डाल दिया गया है, सबसे पहले इसको कवर कर लिया जाये. इसके साथ गलियों में पाइप डालने का काम नहीं हो. एमडी ने कहा है कि मुख्य सड़कों पर पाइप डालने का काम किया जा सकता है, अगर वहां जलजमाव की समस्या नहीं होती है. वहीं, सरकार की ओर से प्रतिदिन केवल 250 सड़कों में पाइप डालने का काम किया जाये. इससे अधिक होने पर समस्या हो सकती है.
एक लाख से अधिक घर नेटवर्क से बाहर
शहर के अंदर एसटीपी और नेटवर्क के प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है. लेकिन, दीघा से लेकर पटना सिटी के नौजार घाट और उसके आगे तक गंगा के किनारे दस हजार से अधिक ऐसे निर्माण हैं.
जिनके सीवरेज का पानी सीधे गंगा में गिराया जाता है. इसमें आम लोगों के घर से लेकर कई अपार्टमेंटों की शृंखला भी है. फिलहाल उनको सीवरेज नेटवर्क कनेक्शन से जोड़ने की कोई योजना नहीं है. इसके अलावा बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड यानी बुडको जिन प्रोजेक्टों को पूरा करने में लगा है, उसमें एक लाख से अधिक घर हैं. यह प्रोजेक्ट उसके सीवरेज नेटवर्क की जद में नहीं आते हैं. ऐसे में बुडको की ओर से बनाये जा रहे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भी गंगा को सौ फीसदी प्रदूषण मुक्त नहीं किया जा सकता है.
फिलहाल बुडको की ओर से बेऊर, सैदपुर, करमलीचक और पहाड़ी में एसटीपी व सीवरेज नेटवर्क के प्रोजेक्ट का काम किया जाना है. इसमें कई जगहों पर एसटीपी का काम शुरू किया जा चुका है.
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