राजनीतिक दल अलग-अलग, लेकिन जनता तक पहुंचने का माध्यम एक ही
पटना : पार्टियों के नेता अलग हैं. मुद्दे भी अलग हैं, लेकिन जनता एक ही है. जनता से सीधे बात करने के लिए सभी दलों का प्रमुख माध्यम भी अब एक ही है. विरोधियों पर वार करने और जनता की मनुहार के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल हो रहा है. क्योंकि, इस पर न तो मीडिया हाउसों की कैंची चलने का डर है और नहीं ही कानून का डर. राजद हो या जदयू, कांग्रेस हो या भाजपा सभी बेधड़क अपनी बात और मुद्दों को सोशल मीडिया के जरिये ट्रोल करा रहे हैं. राजनीतिक लाभ भी पा रहे हैं. पार्टियां और उनके नेता न दिन देख रहे हैंऔर न रात, वह सोशल मीडिया सीधे अपने वोटरों से बात कर रहे हैं.
राजद सबसे अधिक सक्रिय
सोशल मीडिया पर सबसे अधिक सक्रिय राजद है. इसके सभी प्रमुख नेता सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. जो लालू प्रसाद कभी आईटी-वाईटी कहकर खिल्ली उड़ाते थे वो भी इस पर काफी सक्रिय रहते हैं. भाजपा, कांग्रेस, जदयू सहित अन्य सभी दल भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं. भाजपा में सुशील कुमार मोदी, मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव और नित्यानंद राय भी सक्रिय हैं. अधिकतर नेता ट्विटर हैंडल के जरिये अपनी बात रखते हैं. इनको लोग ट्रोल भी करते हैं.
एंड्राॅयड फोन ने प्रचार का ट्रेंड ही बदल दिया
वोटरों ने टेबलेट और एंड्राॅयड फोन का उपयोग क्या बढ़ाया, राजनीतिक पार्टियों और नेताओं ने अपने प्रचार का ट्रेंड ही बदल लिया है. वह भी अब सोशल मीडिया के विविध अंग फेसबुक, व्हाट्सएप व यू-ट्यूब आदि के जरिये वोटरों के मन तक दस्तक देने की कोशिश में लगे हैं. सिर्फ पार्टियां ही नहीं, नेता भी सोशल मीडिया का खूब सहारा ले रहे हैं. हर दल और बड़े नेताओं ने अपना व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है. राजनीतिक दल व नेता सोशल मीडिया के प्रबंधन पर अच्छे खासे पैसे भी खर्च कर रहे हैं. सोशल मीडिया को हैंडिल करने के लिए प्रोफेशनल रखे जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि कुछ दल व नेताओं ने प्रोपगंडा पोर्टल भी बना रखा है, ताकि अपना प्रचार कर सकें और विरोधियों की फजीहत.
व्हाट्सएप ग्रुप का भी है जलवा
सभी दल व अधिकतर नेताओं ने अपना- अपना व्हाट्सएप ग्रुप भी बना रखा है. इसके जरिये न सिर्फ सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है, बल्कि अपनी बात भी रखते हैं. समाचारों की कतरनों से लेकर फोटो ओर प्रेस विज्ञप्ति तक सभी ग्रुप में समय-समय पर डाले जाते हैं. लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया की पूछ और बढ़ेगी. सभी दल इसको लेकर तैयारी भी कर रहे हैं.