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एससी-एसटी प्रकरण : समिति करेगी समीक्षा फिर अपील
पटना : दलित उत्पीड़न के मामलों में आरोपित साक्ष्य का अभाव और लचर पैरवी का लाभ नहीं ले सकें, इसके लिए अभियोजन निदेशालय ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं. अब समिति कांडों की समीक्षा करेगी. विशेष लोक अभियोजकों को लोक अभियोजक और पुलिस अधीक्षकों से बेहतर समन्वयक बनाने को कहा गया है. यही नहीं विशेष लोक […]
पटना : दलित उत्पीड़न के मामलों में आरोपित साक्ष्य का अभाव और लचर पैरवी का लाभ नहीं ले सकें, इसके लिए अभियोजन निदेशालय ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं. अब समिति कांडों की समीक्षा करेगी. विशेष लोक अभियोजकों को लोक अभियोजक और पुलिस अधीक्षकों से बेहतर समन्वयक बनाने को कहा गया है. यही नहीं विशेष लोक अभियोजकों के मानदेय का शीघ्र भुगतान के भी निर्देश दिये गये हैं.
सभी जिलों में जनसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ होने वाले अपराध के अनुसंधान एवं अभियोजन में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तरीय समित का गठन किया गया है. यह समिति रिहाई कांडों की समीक्षा करेगी.
इस संबंध में प्रदेश के सभी विशेष लोक अभियोजक जिला में होने वाली मासिक बैठक में भाग लेंगे. वह रिहाई के मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिला के लोक अभियोजकों देंगे, ताकि समय से अपील की जा सके. उप निदेशक अभियोजन विजय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी विशेष लोक अभियोजकों को कार्ययोजना बनाकर विशेष रूप से कार्य किये जाने पर बल देने, गवाह को उपस्थित कराने के लिए जिला पदाधिकारी और एसपी से संपर्क करने के निर्देश दिये गये हैं. मासिक रिपोर्ट निदेशालय को पहले हफ्ते में उपलब्ध कराने को कहा गया है.
मानदेय रोककर नये तैनाती के निर्देश : निदेशक अभियोजन निदेशालय के आदेश पर विशेष लोक अभियोजक बांका का मानदेय रोके जाने तथा उनके स्थान पर दूसरे की तैनाती को लेकर पत्र जारी कर दिया गया है. किशनगंज में भी नये विशेष लोक अभियोजक की तैनाती की जा रही है.
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