रेल प्रशासन नहीं चेता, तो कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
पटना : पटना जंकशन के रूट रिले इंटरलॉकिंग केबिन की लापरवाही का खामियाजा रेलयात्रा ियों को भुगतना पड़ रहा है. बेहतर तालमेल नहीं होने से एनाउंसमेंट समय पर नहीं हो रहा है. ट्रेन आने के चंद मिनट पहले प्लेटफॉर्म बदल दिया जा रहा है. अंतिम समय में प्लेटफॉर्म बदलने के एनाउंसमेंट की घोषणा से बड़ा हादसा हो सकता है. ऐसी स्थिति प्राय: देर से चलने वाली ट्रेनों में दिख रही है. केबिन की सूचना के बावूजद एनाउंसमेंट सेक्शन समय पर सूचना नहीं दे रहा है.
प्लानिंग की कमी
पटना जंकशन के रूट रिले इंटरलॉकिंग केबिन में समय पर ट्रेनों के पोजीशन लेने के निर्णय में लापरवाही दिख रही है. स्थिति यह है कि होम सिगनल के पास गाड़ियों को लंबे समय तक खड़ा किया जा रहा है. इस बीच निर्धारित प्लेटफॉर्म बदलने की संभावना रहती है. समय पर न तो ठहराव की प्लानिंग हो रही है और न ही एनाउंसमेंट. अचानक प्लान बदल दिया जा रहा है और गाड़ी आने के तीन से चार मिनट पहले प्लेटफॉर्म बदल जा रहा है. पहले से निर्धारित प्लेटफॉर्म के बदल जाने से यात्रा ियों में भगदड़ मच जाती है.भारी लगेज और फै मिली के साथ ट्रेन पकड़ने आये लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
14 मई को गांधीधाम ट्रेन के आने के कुछ समय पहले ट्रेन का निर्धारित प्लेटफॉर्म बदल गया. इस कारण इस भागदौड़ में एक बुजुर्ग यात्रा ी को दिल का दौरा पड़ गया. ऐसी स्थिति हमेशा रहती है. आये दिन यात्रा ियों के घायल होने की सूचना मिलते रहती है.