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दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में तीन बिहार के, गया चौथे नंबर पर

नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन 15 सबसे प्रदूषित शहरों में बिहार के तीन शहर शामिल हैं. WHO द्वारा जारी रिपोर्ट में गया चौथे स्थान पर, पटना पांचवें वहीं मुजफ्फरपुर का स्थान नौंवा है.प्रदूषण के मामले में […]

नयी दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 15 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन 15 सबसे प्रदूषित शहरों में बिहार के तीन शहर शामिल हैं. WHO द्वारा जारी रिपोर्ट में गया चौथे स्थान पर, पटना पांचवें वहीं मुजफ्फरपुर का स्थान नौंवा है.प्रदूषण के मामले में उत्तर भारतीय शहरों की स्थिति बेहद खराब है.

बिहार के तीनों सबसे प्रदूषित शहर गया, पटना और मुजफ्फरपुर के मुकाबले दक्षिण भारत के शहरों की आबादी ज्यादा है. बेंगलुरू, हैदराबाद और कोच्चि जैसे शहर आबादी के लिहाज से बड़े हैं लेकिन बेहतर अरबन प्लानिंग और ट्रांसपोर्टेशन की वजह से इन शहरों को प्रदूषण की समस्या से जूझना नहीं पड़ रहा है.

हालांकि कई लोगों को मानना है कि इन शहरों की बदहाली के पीछे जनसंख्या घनत्व अहम कारक हैं लेकिन दुनिया के कई ऐसे शहर हैं जोे उच्च जनघनत्व के बावजूद प्रदूषण की समस्या से कोसों दूर हैं.सिंगापुर दुनिया का आठवां सबसे अधिक जनघनत्व वाला शहर है. जिसका जनसंख्या घनत्व 10,282 प्रति वर्ग किलोमीटर है. अपने बेहतरीन मैनेजमेंट की बदौलत यह दुनिया का पसंदीदा ‘टूरिस्ट स्पॉट’ है.

प्रदूषण की समस्या से जूझने वाले ज्यादातर देश निम्न और मध्यम आय वर्ग के देश शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकन और यूरोपियन देशों में 1970 में ही प्रदूषण की स्थिति में काफी सुधार हुआ है.

भारत को सबसे ज्यादा आउटडोर प्रदूषण की समस्या से जूझना पड़ रहा है. प्रदूषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर नीतियों में तब्दीली लाने की जरूरत है. इस समस्या के समाधान के लिए ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, कूड़ा – प्रबंधन, अरबन प्लानिंग और कृषि सेक्टर में काम कर रहे विशेषज्ञों को एक मंच में लाने की जरूरत है. दुनियाभर में इस तरह के कई सफल उदाहरण हैं, जहां ट्रांसपोर्ट, अरबन प्लानिंग, पावर जेनरेशन और इंडस्ट्री की अच्छी नीति बनाकर प्रदूषण कम किया जा सकता है.

क्या है उपाय

1. उद्योग : क्लीन टेक्नोलॉजी के जरिये उद्योगो से होने वाले प्रदूषण को काबू पाया जा सकता है. अरबन और एग्रीकल्चर वेस्ट का बेहतर प्रबंधन करने की जरूरत है.

2. एनर्जी : क्लीन उर्जा खासतौर से प्राकृतिक उर्जा का इस्तेमाल कर काफी हद तक प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है.

3. ट्रांसपोर्ट : परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर और साइकिल के इस्तेमाल पर जोर देकर प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकता है.

4. अरबन प्लानिंग : बिल्डिंग की एनर्जी इफेसियेंसी बढ़ा और शहरों को ग्रीनरी बढ़ाकर इन खतरों से निबटा जा सकता है.

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