पटना: जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत के भारत के पिछड़े रहने के लिए बिहार, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के जिम्मेदार होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसके लिए राज्य नहीं बल्कि ऐतिहासिक कारण जिम्मेदार हैं. सभी क्षेत्रों के समान विकास से ही देश का संपूर्ण विकास हो सकता. नीरज कुमार ने कहा कि देश के अंदर असमान विकास का कौन जिम्मेवार है? पिछडे राज्य की सूची में शामिल होने के बावजूद बिहार लगातार पिछले 12 वर्षो से विनिर्माण के क्षेत्र के विकास दर में राष्ट्रीय औसत से आगे रहा है.
उन्होंनेकहा कि मानव विकास सूचकांक एक चुनौती है. जनसंख्या का घनत्व, क्षेत्रफल, पड़ेसी राज्यों के नदियों का कहर, अन्य प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के कारण अगर मानव विकास सूचकांक के विकास में अगर परेशानी आती है, तो इसका जिम्मेवार राज्य नहीं हो सकता.आज देश में आर्थिक और सामाजिक असमानता उभरने का एक बड़ा कारण असमान विकास है. आज देश में जितने भी विकसित राज्य हैं, उनके विकास में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बिहारियों का योगदान रहा है. बिहार के लोग जब अगर अन्य राज्यों के विकास के योगदान कर सकते हैं तब बिहार को क्यों नहीं विकसित किया जा सकता.
नीरज कुमार ने कहा कि यह जदयू का ही नहीं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की भी सोच है कि बिना पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के देश का विकास नहीं हो सकता है. यही कारण है कि पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर जोर दिया गया है.इसी असमानता को दूर करने के लिए बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सर्वदलीय प्रस्ताव भी पास किया गया है.उन्होंनेकहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए ही राज्य में शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी बुराईयों को समाप्त करने के लिए समाज में जनजागरूकता अभियान चलाया है, जिससे प्रति व्यक्ति आय के माध्यम से सामान्य जीवनस्तर को सुधारा जा सके.