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बोर्ड, क्लास व उम्र एक, फिर भी किताबें अलग-अलग

पटना : सीबीएसई के निर्देश के बावजूद संबद्ध स्कूलों में एक ही कक्षा व उम्र के बच्चे अलग-अलग प्रकाशकों की किताबें पढ़ रहे हैं. बोर्ड की ओर से स्कूलों को एनसीईआरटी की ही किताबें पढ़ाने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि मूल्यांकन का आधार एनसीईआरटी की किताबें ही हैं. इसके विपरीत मौजूदा […]

पटना : सीबीएसई के निर्देश के बावजूद संबद्ध स्कूलों में एक ही कक्षा व उम्र के बच्चे अलग-अलग प्रकाशकों की किताबें पढ़ रहे हैं. बोर्ड की ओर से स्कूलों को एनसीईआरटी की ही किताबें पढ़ाने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि मूल्यांकन का आधार एनसीईआरटी की किताबें ही हैं. इसके विपरीत मौजूदा सत्र में भी स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को जगह दी गयी है. इस वजह से कोर्स मैटेरियल पाठ्यक्रम के अनुसार होते हुए भी बोर्ड से संबद्ध विभिन्न स्कूलों में किताबें कमोबेश अलग-अलग हैं.

अभिभावकों की मानें, तो मुनाफा कमाने के लिए स्कूलों द्वारा ऐसा किया गया है. जबकि स्कूलों की ओर से किताबों की कमी बतायी जा रही है. बताया जा रहा है कि समय पर छात्र व छात्राओं को पर्याप्त मात्रा में किताबों की आपूर्ति नहीं होने के कारण बच्चों को अन्य किताबें खरीदने की सलाह देनी पड़ती हैं.

मुनाफे का खेल : अभिभावक
अभिभावक संघ के संजीव कुमार ने बताया कि बाजार में एनसीईआरटी की किताबों की कमी है. स्कूल इसका फायदा उठाते हुए प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को अपनी सूची में शामिल किया है और मुनाफा कमा रहे हैं. स्थिति यह है कि अलग-अलग स्कूल में एक ही क्लास में पढ़ने वाले एक ही उम्र के बच्चों को अलग-अलग किताबें पढ़ायी जा रही हैं.
नि:शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं किताब
जानकार बताते हैं कि बाजार में एनसीईआरटी की किताबों
की कमी कोई समस्या नहीं है. यदि बाजार में किताबों की किल्लत है, तो वेबसाइट पर नि:शुल्क उपलब्ध हैं. किताबों को ई-पाठशाला डॉट एनआइसी डॉट इन या ई-सीबीएसई से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है.
50 की जगह Rs 500 की किताब
एनसीईआरटी की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें लेकर स्कूल फायदा उठा रहे हैं, जबकि अभिभावकों की जेब कट रही है. एनसीईआरटी की किताबों की कीमत जहां 50-60 रुपये है, वहीं प्राइवेट प्रकाशकों की किताबों की कीमत 250 से 500 रुपये तक बतायी जाती है. जानकार बताते हैं कि शहर के निजी स्कूलों में कुछ गिने-चुने पब्लिशर्स की किताबें चलायी जा रही हैं. भारी-भरकम कीमत होने के बावजूद खरीद पर अभिभावकों को छूट (रियायत) नहीं दे रहे हैं.
आपूर्ति की कमी थी कारण
संत कैरेंस स्कूल के प्राचार्य अतनु दत्ता ने बताया कि शुरू में एनसीईआरटी की किताबों की आपूर्ति कम थी. इस कारण छात्रो को अन्य किताब लेने की सलाह दी जाती है. सीबीएसई के निर्देश पर एनसीईआरटी के पोर्टल पर डिमांड दर्ज करायी गयी थी, लेकिन किताब आयी नहीं. हालांकि अब आपूर्ति हो रही है.
सभी स्कूलों को हुई आपूर्ति : एनसीईआरटी
एनसीईआरटी के अधिकार गौतम गांगुली ने बताया कि सीबीएसई स्कूलों से एनसीईआरटी के पोर्टल पर डिमांड (एनुअल इंडेंट) दर्ज करने को कहा गया था, ताकि जनवरी माह से किताबों की आपूर्ति आरंभ कर दी जाये. जितने स्कूलों ने डिमांड दर्ज की, सबों को समय से किताबों की आपूर्ति की गयी है.

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