11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना :हर साल होता है 45 करोड़ रुपये से अधिक का किताबों का कारोबार

पटना : स्कूलों में किताबों की बिक्री शुरू हो गयी है. अभिभावक मार्च माह में अपने बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च के जोड़-घटाव कर रहे हैं, तो स्कूल हर तरह उनसे यथासंभव वसूली करने की तैयारी कर चुकी हैं. केवल किताब-कॉपी की बात करें, तो एडमिशन अथवा रीएडमिशन फीस के अलावा यह दूसरा […]

पटना : स्कूलों में किताबों की बिक्री शुरू हो गयी है. अभिभावक मार्च माह में अपने बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च के जोड़-घटाव कर रहे हैं, तो स्कूल हर तरह उनसे यथासंभव वसूली करने की तैयारी कर चुकी हैं.
केवल किताब-कॉपी की बात करें, तो एडमिशन अथवा रीएडमिशन फीस के अलावा यह दूसरा बड़ा खर्च है, जिसे हर वर्ष अभिभावकों को वहन करना पड़ता है. किताब-कॉपी के बगैर पढ़ाई संभव नहीं है, स्कूल फायदा उठाते हैं. पटना में सीबीएसई व आइसीएसई से संबद्ध करीब 100 स्कूल हैं. सिर्फ 50 स्कूलों में किताब-कॉपियों का टर्नओवर करीब 45 करोड़ से अधिक का होता है.
क्या कहते हैं स्कूल
किताबों को बदले जाने के सवाल पर स्कूलों का कहना है कि कुछ बच्चे किताबों पर ही लिख देते हैं. इसके अलावा बदलते समय के साथ कुछ चैप्टर बदलने पड़ते हैं. ताकि बच्चे अपडेट रहें.
क्या कहते हैं अभिभावक
किताबें खरीदने के बाद कुछ अभिभावकों ने बताया कि नयी किताबों को खरीदना अभिभावकों की मजबूरी बन गयी है. किताब में थोड़ा फेर-बदल कर नयी किताबें लागू कर दी जाती हैं, जिससे स्कूल लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
हर साल खरीदनी पड़ती हैं नयी किताबें
व्यवसाय में अधिक से अधिक मुनाफा या कमीशन कमाने के लिए हर साल किताबों में कुछ न कुछ बदलाव कर दिया जाता है. कभी प्रकाशन बदल दिया जाता है, तो कभी लेखक का नाम या फिर कभी दो-तीन चैप्टर बदल दिये जाते हैं.
इस कारण विवश होकर अभिभावकों को नयी किताबें खरीदनी पड़ती है. परिणाम यह होता है कि अभिभावकों को पुरानी किताबें रद्दी के भाव कबाड़ी में बेचनी पड़ती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें