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बिहार : स्थानांतरण के बाद बच्चों के एडमिशन के लिए अभिभावकों को टहलाते हैं
पटना : यदि आप ऐसी नौकरी में हैं, जिसमें समय-सीमा पर एक से दूसरे शहर या राज्य में स्थानांतरण होता रहता है, तो स्कूल में अपने बच्चे के एडमिशन की परेशानी से वाकिफ होंगे. वजह यह कि प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए एड़ी-चोटी एक करनी पड़ती है. बड़े सरकारी अधिकारियों को एडमिशन में उतनी […]
पटना : यदि आप ऐसी नौकरी में हैं, जिसमें समय-सीमा पर एक से दूसरे शहर या राज्य में स्थानांतरण होता रहता है, तो स्कूल में अपने बच्चे के एडमिशन की परेशानी से वाकिफ होंगे.
वजह यह कि प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए एड़ी-चोटी एक करनी पड़ती है. बड़े सरकारी अधिकारियों को एडमिशन में उतनी परेशानी नहीं होती. लेकिन प्राइवेट नौकरी करनेवालों की परेशानी किसी से छुपी नहीं है.
अभिभावकों के बच्चों के एडमिशन का प्रावधान होने के बावजूद स्कूल उन्हें टहलाते रहते हैं. सीट खाली नहीं होने की बात कही जाती है. ऐसे कुछ अभिभावक इन दिनों भी स्कूलों का चक्कर लगाते मिल जायेंगे.
केस स्टडी
रवि शेखर एक प्राइवेट कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर हैं. उन्होंने बताया कि शहर के तीन अच्छे स्कूलों में उन्होंने आवेदन किया है. पहले तो बताया गया कि एडमिशन संभव नहीं है. बाद में जाने पर एप्लीकेशन जमा करने की बात कही गयी.
आवेदन के बाद से अब कहा जा रहा है कि सीट खाली रही, तो ही एडमिशन हो पायेगा. सीट खाली रहने की स्थिति में स्कूल की तरफ से फोन किया जायेगा. आवेदन दिये हुए करीब एक महीना बीत गया.अब तक एडमिशन की गारंटी नहीं है. पांचवीं कक्षा में बच्चे का एडमिशन कराना है, जो अब चिंता का विषय बन चुका है.
स्कूलों की दलील
बल्डविन एकेडमी के प्राचार्य डॉ राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि स्थानांतरण के मामले को लेकर आनेवाले अभिभावकों के बच्चों के एडमिशन के लिए प्रावधान है. लेकिन सीट खाली रहने पर ही एडमिशन लिया जा सकता है. ऐसे अभिभावकों को बच्चे की टीसी समेत अन्य कागजात के साथ ही ट्रांसफर लेटर की कॉपी भी जमा करनी होती है. सीट खाली नहीं होने की स्थिति में एडमिशन संभव नहीं है.
केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके सिंह ने बताया कि यहां आने से पूर्व बच्चा यदि केंद्रीय विद्यालय में ही पढ़ रहा हो, तो यहां उसे दाखिला देने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अन्य स्कूल में हो, तो एडमिशन संभव नहीं है. कुल मिला कर कहा जा सकता है कि ट्रांसफर केस में केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी को देश भर में स्थित किसी भी केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन मिलने में कोई परेशानी नहीं है.
नौवीं से 12वीं तक के लिए अलग प्रावधान
जानकारी के अनुसार ट्रांसफर केस में नौवीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों लिए केंद्रीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड अथवा अन्य बोर्ड की कुछ प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है. चूंकि नौवीं व 11वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन हो जाता है. इसलिए बोर्ड कार्यालय में आवेदन कर स्वीकृति लेनी पड़ती है.
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