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बिहार : चार साल में छह गुना बढ़े बीज विक्रेता….देखें आंकडे़

लापरवाही. बीज विक्रेताओं को लाइसेंस देकर चुप बैठ गयी सरकार पटना : बिहार में बीज का अनुमानित कारोबार करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का है. यूं कहें कि बिहार में इन दिनों बीज बाजार का स्वर्णिम दौर चल रहा है. पिछले चार सालों के अंदर समूचे प्रदेश के 38 जिलों में लाइसेंसधारी बीज […]

लापरवाही. बीज विक्रेताओं को लाइसेंस देकर चुप बैठ गयी सरकार
पटना : बिहार में बीज का अनुमानित कारोबार करीब दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का है. यूं कहें कि बिहार में इन दिनों बीज बाजार का स्वर्णिम दौर चल रहा है.
पिछले चार सालों के अंदर समूचे प्रदेश के 38 जिलों में लाइसेंसधारी बीज विक्रेताओं की संख्या छह गुना बढ़ कर 7679 हो गयी है. कहने को तो ये संख्या खेती के विकास और विस्तार की ओर इशारा करती है.
हालांकि सच्चाई इससे कुछ हट कर है. दरअसल ये वह दौर है जब सरकार ने खेती किसानी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास शुरू किये. अनियमित बीज विक्रेताओं को लाइसेंस लेने के लिए बाध्य किया. बस गड़बड़ यह हो गयी कि बीज विक्रेताओं को लाइसेंस देकर सरकार चुप बैठ गयी. बीज की क्या गुणवत्ता है, इस संदर्भ में वह प्रभावी पहल नहीं कर सकी. जानकारों के मुताबिक स्थानीय सरकारी एजेंसियां ने बीज की गुणवत्ता और बिहार की भौगोलिक पृष्ठभूमि के मुताबिक बीज की गुणवत्ता सुनिश्चत करने का मैकेनिज्म तैयार नहीं किया.
कृषि वैज्ञानिकों की रिपोर्ट बताती हैं कि फसलों में बीज न पड़ने की घटनाएं इसी साल सामने नहीं आयी हैं. ये पिछले तीन-चार सालाें से गेहूं और धान में नियमित रूप से देखने को मिल रही हैं. लेकिन किसान कभी सामने नहीं आया. फिलहाल बीज का कारोबार सबसे मुनाफे का सौदा है.
इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों से लेकर क्षेत्रीय कंपनियां के लिए कृषि अर्थव्यवस्था में सीड कारोबार फायदे का सौदा लग रहा है. दरअसल 95 फीसदी कंपनियां सेल्फ अटेस्टेट यानी खुद से सत्यापित बीज बेचती हैं. ये कानूनी दायरे से बाहर हैं.
सत्यापित बीज का मायाजाल कमाई का सबसे बड़ा जरिया
जानकारी के मुताबिक राज्यस्तरीय बीज लाइसेंसों की संख्या 2018 में शून्य है. हालांकि, आवेदनों की संख्या चार रही. इससे पहले वर्ष 2017 में भी आवेदन भी ही रहे, लेकिन मंजूर नहीं रहे. राज्यस्तरीय लाइसेंस सबसे ज्यादा 2014 में दिये गये. इस दौरान करीब 146 लाइसेंस दिये गये थे.
नोट : वर्ष 2013 में बीज लाइसेंस धारकों की संख्या अनुपलब्ध है.
जिलास्तरीय आंकड़ा
वर्ष आये आवेदन जारी आवेदन लाइसेंसधारक
2014 — — 1354
2015 02 — 1356
2016 2763 2612 3978
2017 3429 3264 7291
2018 422 360 7679
बीज लाइसेंसवाले जिले
1. पूर्वी चंपारण 765
2 पटना 622
3 बक्सर 520
4 बेगूसराय 505
5 बांका 476
6 सीवान 466
7 कटिहार 394
8 दरभंगा 392
9 रोहतास 354
10 समस्तीपुर 354
11 बक्सर 347
12 नालंदा 302
विशेष : अचंभे की बात यह है कि बिहार के ही अररिया, गोपालगंज, खगड़िया, किशनगंज, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण और सहरसा जिलों में बीज की एक भी लाइसेंसी विक्रेता नहीं है.

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