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बिहार : ..जब इस स्कूल ने फीस नहीं जमा करने वालें आधा दर्जन बच्चों को बनाया बंधक, फीस देने पर ही छोड़ा

मसौढ़ी : पटेल नगर स्थित लिटिल फ्लावर प्री प्राइमरी स्कूल में वार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद आधा दर्जन बच्चों को घर जाने से रोक दिया गया क्योंकि उनके अभिभावकों ने दो माह का शुल्क जमा नहीं कराया था. बाद में अभिभावकों के द्वारा शुल्क जमा करने के बाद ही बच्चों को घर जाने दिया […]

मसौढ़ी : पटेल नगर स्थित लिटिल फ्लावर प्री प्राइमरी स्कूल में वार्षिक परीक्षा खत्म होने के बाद आधा दर्जन बच्चों को घर जाने से रोक दिया गया क्योंकि उनके अभिभावकों ने दो माह का शुल्क जमा नहीं कराया था. बाद में अभिभावकों के द्वारा शुल्क जमा करने के बाद ही बच्चों को घर जाने दिया गया. अभिभावकों ने स्कूल पर छात्रों को बंधक बना कर जबरदस्ती शुल्क वसूली का आरोप लगाया है.
जानकारी के मुताबिक स्थानीय पटेल नगर स्थित लिटिल फ्लावर प्री प्राइमरी स्कूल में एनसी से लेकर यूकेजी कक्षाओं के छात्रों की वार्षिक परीक्षा का गुरुवार को अंतिम दिन था. दोपहर 12 बजे उनकी परीक्षा खत्म हुई. इसके बाद बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों को घर ले जाने लगे, लेकिन उनमें से आधा दर्जन बच्चों को घर ले जाने से स्कूल की प्राचार्या ने रोक दिया.
प्राचार्या ने उनके अभिभावकों से दो माह का बकाया शुल्क चुकाने के बाद ही बच्चों को घर ले जाने की बात कही. बाद में अभिभावकों द्वारा शुल्क जमा करने के बाद ही उन्हें अपने बच्चों को घर ले जाने दिया गया.
लिटिल फ्लावर प्री प्राइमरी स्कूल का मामला
इस बाबत विद्यालय के एलकेजी के छात्र युवराज सिंह के पिता सह धनरूआ थाना के बौरही ग्रामवासी पंकज कुमार, यूकेजी की छात्रा आकांक्षा कुमारी की मां रिंकी देवी समेत अन्य अभिभावकों ने बताया कि प्राचार्या द्वारा परीक्षा के बाद भी शुल्क की खातिर बच्चों को करीब दो घंटों तक विद्यालय में ही जबरदस्ती रोके रखा गया. इससे बच्चों को मानसिक व शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ा.
वे भूख से व्याकुल हो गये. उन्होंने इसे विद्यालय प्रशासन की ज्यादती करार देते हुए बच्चों को बंधक बनाने जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाय. इधर स्कूल की प्राचार्या ने बताया कि पिछले साल भी कुछ बच्चों के अभिभावक परीक्षा खत्म होने के बाद बिना बकाया शुल्क चुकाये ही अपने बच्चों को विद्यालय से दूसरे विद्यालय में नामांकन करा दिये थे. इससे आशंकित हो उन बच्चों को रोका गया था जिनके अभिभावकों ने शुल्क जमा नहीं किया था. उन्होंने बताया कि बिना फी जमा किये विद्यालय का संचालन संभव नहीं है.
अभिभावकों की पीड़ा
अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन की मनमानी का अभिभावक शिकार हो रहे हैं. लिटिल फ्लावर व संत मेरी दोनों एक संस्था के द्वारा संचालित होता है. बावजूद लिटिल फ्लावर के बाद बच्चे जब कक्षा एक में जाते हैं तो पुनः नामांकन के नाम पर अभिभावकों से एक पांच हजार से छह हजार रुपये लिये जाते है .
दिसंबर में भी ऐसी हरकत
बता दें कि उक्त स्कूल की एक अन्य शाखा संत मेरीस्कूल जो इसके ठीक सामने है, जहां क्लास एक से इंटर तक की पढ़ाई होती है, वहां भी फीस नहीं जमा करने की वजह से बीते दिसंबर माह में दर्जनों छात्रों को परीक्षा के लिये प्रवेश पत्र नहीं दिया गया था. छात्रों को प्रवेश पत्र नहीं दिये जाने को लेकर स्कूल में हंगामा भी हुआ था, लेकिन स्कूल प्रबंधन बिना फीस लिये प्रवेश पत्र देने पर राजी नहीं हुआ. अंततः बाद में उक्त छात्रों के अभिभावकों ने फीस जमा कर अपने बच्चों का प्रवेश पत्र लिया. तब जाकर मामला शांत हुआ.

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