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छह दिनों में 70% बच्चों को राशि देने की चुनौती
46 दिनों में प्राइमरी के 30 फीसदी बच्चों को मिल सकी है राशि माध्यमिक में 50 फीसदी राशि का हो चुका है वितरण पटना : प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को पोशाक-छात्रवृत्ति की राशि देने में जिसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं. 26 दिसंबर से राशि बांटने की शुरू हुई प्रक्रिया में अब तक मात्र 30 […]
46 दिनों में प्राइमरी के 30 फीसदी बच्चों को मिल सकी है राशि
माध्यमिक में 50 फीसदी राशि का हो चुका है वितरण
पटना : प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को पोशाक-छात्रवृत्ति की राशि देने में जिसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं. 26 दिसंबर से राशि बांटने की शुरू हुई प्रक्रिया में अब तक मात्र 30 फीसदी बच्चों के खाते में राशि जा सकी है, जबकि 70 फीसदी बच्चों को राशि देने की प्रक्रिया को अगले छह दिन में पूरा करना होगा.
इसको लेकर शुक्रवार को शिक्षा विभाग के सचिव आरएल चोंग्थू ने सभी जिलों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की. उन्होंने 15 फरवरी तक हल हाल में सौ फीसदी बच्चों को योजनाओं की राशि उनके बैंक खाते में दे देने का निर्देश दिया. निर्धारित तारीख तक जो भी जिले सभी बच्चों को राशि नहीं देंगे, वहां के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
शिक्षा विभाग ऐसे पदाधिकारियों के वेतन रोकने से लेकर निलंबित किये जाने तक की कार्रवाई की जायेगी. अब तक माध्यमिक शिक्षा में 50 फीसदी छात्र-छात्राओं को योजनाओं की राशि दी जा चुकी है. शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को इसमें तेजी लाने के साथ-साथ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जन जाति विभाग की ओर से जारी की गयी छात्रवृत्ति की राशि भी बच्चों के खाते में अविलंब जारी करने का निर्देश दिया है. वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यमिक, प्राथमिक शिक्षा के अधिकारियों के साथ-साथ एससी-एसटी कल्याण विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.
‘मैं अपराधी हूं’ लिखी तख्ती गले में लटका कर पुिलस ने बाजार में घुमाया
बख्तियारपुर में ‘मैं अपराधी हूं’ लिखी तख्ती गले में लटका कर कांट्रेक्ट किलर रॉकी को पुलिस ने सरे बाजार घुमाया. शुक्रवार की दोपहर यह नजारा देखने के लिए सड़क किनारे लोगों की भीड़ जमा रही. बदमाश को उसके पास से ही बरामद पिस्तौल व गोलियों की माला पहना दी गयी थी. इस संबंध में पटना हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अखिलेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि पुलिस की नजर में भले ही कोई व्यक्ति अपराधी हो सकता है. जब तक उसे अदालत द्वारा दोषी नहीं करार दिया जाता तब तक उसे अपराधी कहना गलत है. अपराध में लिप्त पाये जाने पर पुलिस की जिम्मेवारी है कि वह उसको सुरक्षित अदालत में पहुंचा दे.
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