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विधायक अनंत सिंह की हत्या के लिए माेनू ने ली थी 50 लाख रुपये की सुपारी, साथी मनोज एके-47 लेकर अब भी फरार

साजिश. विधायक को मार कर सबसे बड़ा अपराधी बनना चाहता था मोनू दवा व्यवसायी समेत कई लोग थे टारगेट पर पटना : मोकामा के विधायक अनंत सिंह की हत्या के लिए कुख्यात माेनू सिंह ने सुपारी ली थी. 50 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था. इस हाईप्रोफाइल मर्डर के लिए मोनू ने गहरी साजिश […]

साजिश. विधायक को मार कर सबसे बड़ा अपराधी बनना चाहता था मोनू

दवा व्यवसायी समेत कई लोग थे टारगेट पर
पटना : मोकामा के विधायक अनंत सिंह की हत्या के लिए कुख्यात माेनू सिंह ने सुपारी ली थी. 50 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था. इस हाईप्रोफाइल मर्डर के लिए मोनू ने गहरी साजिश रची थी. उसने मुंगेर से छह लाख रुपये में एके-47 खरीदा था. अनंत सिंह को सोनपुर मेले में मारने की तैयारी थी, लेकिन मोनू एंड कंपनी इस साजिश में सफल नहीं हुई है. दोबारा रेकी की जा रही थी और मौका मिलते हैं यह गैंग विधायक पर हमला करने वाला था. गैंग का दूसरा टारगेट विधायक का करीबी और मुखिया प्रत्याशी मणि सिंह था. इसके अलावा एक दवा व्यवसायी समेत कई लोग मोनू के हिट लिस्ट में थे. माेून अपने मनसूबे में कामयाब होता उससे पहले वह गिरफ्तार हो गया. उसके साथ नालंदा के रहने वाले निलेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है.
निलेश अर्डरवर्ल्ड अपराधी गुड्डू शर्मा का दाहिना हाथ रहा है. पिछले 8 सितंबर 2017 को बाढ़ कोर्ट परिसर में गुड्डू की हत्या के बाद निलेश अब माेनू के इशारे पर काम कर रहा था. इस बार बड़ी प्लानिंग थी और अनंत सिंह को मारकर सबसे बड़ा अपराधी मोनू बनना चाह रहा था. पुलिस का कहना है कि मोनू ने पुलिस पर फायरिंग भी की, पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की और घेराबंदी कर दोनों को गिरफ्तार किया.
यूपी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के संरक्षण में है मोनू का छोटा भाई सोनू
बाढ़ के अछुआरा से गिरफ्तार किये गये माेनू ने एसएसपी के सामने स्वीकार किया कि उसका छोटा भाई सोनू सिंह यूपी के दबंंग विधाक मुख्तार अंसारी के संरक्षण में है. हालांकि मुख्तार अंसारी जेल में हैं और उसे यूपी के बांदा जेल में रखा गया है. लेकिन मुख्तार का नाम यूपी के पूर्वांचल में एक बड़े अपराधी के रुप में आता है इसलिए जेल के बाहर मौजूद उनके गुर्गे सक्रिय रहते हैं. मोनू ने जिस तरह से मुख्तार का नाम लिया है उससे साफ है कि साेनू अपराध का ककहरा मुख्तार अंसारी की देख-रेख में सीख रहा है. इस मामले में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि विधायक अनंत सिंह की हत्या की सुपारी लेने और मोनू के भाई सोनू को मुख्तार अंसारी द्वारा संरक्षण दिये जाने के मामले में कोई साक्ष्य नहीं है. इसकी जांच की जायेगी. इसमें अगर कोई सबूत हाथ लगते हैं तो आगे की कार्रवाई की जायेगी. पटना पुलिस यूपी जाकर मुख्तार और उनके लोगों से पूछताछ कर सकती है.
मनोज सिंह के पास है एके-47, अभी चल रहा है फरार : नौबतपुर का रहने वाला मनोज सिंह बड़ा अपराधी है. अभी वह फरार चल रहा है. मोनू ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसका एके-47 मनोज सिंह के ही पास है. इस जानकारी के बाद मनोज और सोनू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. दरअसल सितंबर माह में गुड्ड शर्मा की जो हत्या हुई थी उसे मुख्य रुपये से मनोज सिंह ने ही अंजाम दिया था. माेनू ने इसके लिए मनोज को पांच लाख रुपये दिया था.
मोनू को रिमांड पर लेगी पुलिस :
कुख्यात मोनू सिंह को शनिवार को जेल भेज दिया गया. एसएसपी का कहना है कि मोनू को रिमांड पर लिया जायेगा. उसने जो कुछ कबूल किया है उस संबंध में पूछताछ और सत्यापन किया जाना है. यहां बता दें कि मोनू और निलेश के खिलाफ कुल नौ अपराधिक मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ कदमकुआं, कंकड़बाग, गर्दनीबाग आदि कई जगहों पर मामले दर्ज हैं.
बाढ़ के अछुआरा से गिरफ्तार किये गये माेनू ने एसएसपी के सामने स्वीकार किया कि उसका छोटा भाई सोनू सिंह यूपी के दबंंग विधाक मुख्तार अंसारी के संरक्षण में है. हालांकि मुख्तार अंसारी जेल में हैं और उसे यूपी के बांदा जेल में रखा गया है. लेकिन मुख्तार का नाम यूपी के पूर्वांचल में एक बड़े अपराधी के रुप में आता है इसलिए जेल के बाहर मौजूद उनके गुर्गे सक्रिय रहते हैं. मोनू ने जिस तरह से मुख्तार का नाम लिया है उससे साफ है कि साेनू अपराध का ककहरा मुख्तार अंसारी की देख-रेख में सीख रहा है. इस मामले में एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि विधायक अनंत सिंह की हत्या की सुपारी लेने और मोनू के भाई सोनू को मुख्तार अंसारी द्वारा संरक्षण दिये जाने के मामले में कोई साक्ष्य नहीं है. इसकी जांच की जायेगी. इसमें अगर कोई सबूत हाथ लगते हैं तो आगे की कार्रवाई की जायेगी. पटना पुलिस यूपी जाकर मुख्तार और उनके लोगों से पूछताछ कर सकती है.
मनोज सिंह के पास है एके-47, अभी चल रहा है फरार : नौबतपुर का रहने वाला मनोज सिंह बड़ा अपराधी है. अभी वह फरार चल रहा है. मोनू ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसका एके-47 मनोज सिंह के ही पास है. इस जानकारी के बाद मनोज और सोनू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. दरअसल सितंबर माह में गुड्ड शर्मा की जो हत्या हुई थी उसे मुख्य रुपये से मनोज सिंह ने ही अंजाम दिया था. माेनू ने इसके लिए मनोज को पांच लाख रुपये दिया था.
मोनू को रिमांड पर लेगी पुलिस :
कुख्यात मोनू सिंह को शनिवार को जेल भेज दिया गया. एसएसपी का कहना है कि मोनू को रिमांड पर लिया जायेगा. उसने जो कुछ कबूल किया है उस संबंध में पूछताछ और सत्यापन किया जाना है. यहां बता दें कि मोनू और निलेश के खिलाफ कुल नौ अपराधिक मामले दर्ज हैं. उसके खिलाफ कदमकुआं, कंकड़बाग, गर्दनीबाग आदि कई जगहों पर मामले दर्ज हैं.
ये हुए बरामद
मास्केट 3.15 बोर एक, देशी पिस्टल एक, मैगजिन दो, जिंदा कारतूस 7, खोखा 6, मिस फायर गोली चार, लूट का लैपटॉप एक, एक बाइक, दुकान के चाभी का गुच्छा, चार मोबाइल फोन.

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