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बिहार : छात्रों को अब देना होगा कम ब्याज

10-12% की जगह देने होंगे मात्र 4-5% ब्याज पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए बिहार के छात्र-छात्राओं को कम ब्याज देना होगा. वर्तमान में जहां छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि बैंकों को लौटाने में 10-12 फीसदी तक ब्याज दर देना पड़ता है, वहीं बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड कंपनी में छात्र-छात्राओं […]

10-12% की जगह देने होंगे मात्र 4-5% ब्याज
पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए बिहार के छात्र-छात्राओं को कम ब्याज देना होगा. वर्तमान में जहां छात्रों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की राशि बैंकों को लौटाने में 10-12 फीसदी तक ब्याज दर देना पड़ता है, वहीं बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड कंपनी में छात्र-छात्राओं को चार से पांच फीसदी ब्याज दर देना होगा. छात्रों को लगने वाला चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगेगा और मौजूदा दर (एजुकेशन लोन) से भी ब्याज दर पर राशि आधी हो जायेगी. राज्य सरकार इसकी तैयारी कर रही है.
नये सत्र 2018-19 से गठित होने वाली बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड कंपनी से इसकी शुरुआत होने जा रही है. इसमें अभ्यर्थियों की उम्र सीमा 25 से बढ़ाकर 30 साल करने के साथ-साथ दूसरे राज्यों से इंटरमीडिएट करने वाली छात्राओं और बीच में पढ़ाई छोड़ चुकी छात्राओं को आगे की पढ़ाई के लिए भी विशेष सुविधा दी जायेगी. बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम लिमिटेड कंपनी के बनने के बाद अभ्यर्थियों की उम्र सीमा में छूट दी जायेगी.
वर्तमान में 25 साल की उम्र तक के 12वीं पास छात्र-छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिलता है. इसमें उम्र सीमा 30 साल तक की जायेगी. इससे बीएड, एमएड, एमसीए, एमबीए की शिक्षा लेने वाले छात्र-छात्राओं को लाभ मिल सकेगा, जो ग्रेजुएशन के बाद यह डिग्री लेते हैं. वर्तमान में कई विश्वविद्यालयों के सत्र देर होने की वजह से छात्र-छात्राएं इससे वंचित रह जा रहे हैं और राज्य सरकार भी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह जा रही है. इसके अलावा छात्राओं को
विशेष सुविधा देने की भी तैयारी की जा रही है. दूसरे राज्यों से इंटरमीडिएट करने वाली बिहार की छात्राओं और जिन छात्राओं की शादी या किसी और कारण से पढ़ाई छूट गयी है उन्हें छूट दी जायेगी. सरकार ऐसी छात्राओं की 30 साल की उम्र सीमा को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है. इसके अलावा बिहार के वैसे छात्र जो उत्तर प्रदेश या झारखंड की सीमा के नजदीक रहते हैं लेकिन पढ़ने के लिए यूपी व झारखंड जाते हैं उन्हें भी छूट देने की तैयारी की जा रही है.
विद्यार्थियों को कार्ड देने में रोहतास अव्वल तो कैमूर फिसड्डी
पटना : स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने में रोहतास जिला अव्वल है, जबकि कैमूर सबसे फिसड्डी है. रोहतास में 616 आवेदन जिला की ओर से बैंक को दिये गये, जिसके बाद बैंकों ने 571 आवेदनों को स्वीकृत कर 567 को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड निर्गत कर चुका है. वहीं, कैमूर जिलों में 188 आवेदनों में से बैंक ने 122 आवेदनों को स्वीकृत किया और मात्र 77 अभ्यर्थियों को ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड दिया गया है.
इसका खुलासा दिसंबर तक की जिलावार रैंकिंग में हुआ है. शिक्षा विभाग ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की जिलावार रैंकिंग की है. नालंदा, बांका, पटना व शिवहर टॉप फाइव में है, जबकि कटिहार, पूर्वी चंपारण, भोजपुर और भागलपुर अंतिम पांच पायदान पर हैं. रैंकिंग में रोहतास को सौ में 59.1%, नालंदा को 59 %, बांका को 57.6 %, पटना को 56.1 % और शिवहर को 56 % अंक मिले हैं.
वहीं, कैमूर को 42 %, कटिहार व पूर्वी चंपारण को 42.7 %, भोजपुर को 43.1 % और भागलपुर 43.4 % अंक मिले हैं. रोहतास में बैंकों की सक्रियता की वजह से अभ्यर्थियों को जहां स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिल गया और राशि का भुगतान हो रहा है, वहीं कैमूर में बैंकों की निष्क्रियता की वजह से छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.
शिक्षा विभाग ने फिर से सभी जिलों को इसके लिए निर्देश देने की तैयारी कर रहा है कि अभ्यर्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती जाये. जिन छात्र-छात्राओं के आवेदन का थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन हो चुका है उनका सर्टिफिकेट का मिलान कर उन्हें स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड अविलंब दिया जाये, ताकि छात्र-छात्राओं को राशि समय पर मिल सके.

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