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पेंशन की आस में प्रदेश के 17 लाख बुजुर्गों की आंखें पथरायीं

रविशंकर उपाध्याय पटना : सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आस में प्रदेश के 17 लाख बुजुर्गों की आंखें पथराई हुई हैं. राज्य में जुलाई से बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है. ये 17 लाख वे पेंशनधारी हैं, जिनका आधार और बैंक खाता अपडेट है. पेंशन की आस इससे दोगुने बुजुर्गों को है, लेकिन उनका आधार […]

रविशंकर उपाध्याय
पटना : सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आस में प्रदेश के 17 लाख बुजुर्गों की आंखें पथराई हुई हैं. राज्य में जुलाई से बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है. ये 17 लाख वे पेंशनधारी हैं, जिनका आधार और बैंक खाता अपडेट है. पेंशन की आस इससे दोगुने बुजुर्गों को है, लेकिन उनका आधार और बैंक खाता अपडेट नहीं हो सका है.
सरकार ने नये साल के पहले उम्मीद जगायी थी कि पेंशन की राशि बैंक खातों में दे दी जायेगी लेकिन अभी तक कोई संभावना दिखायी नहीं दे रही है. जब हमने इस मसले की पड़ताल की तो यह पता चला कि केंद्र सरकार ने बिहार के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं किया है. केंद्र का यह पक्ष है कि बिहार को उसके हिस्से की राशि दी जा चुकी है. अब और राशि नहीं दी जायेगी. वहीं बिहार सरकार का यह कहना है कि हमारे पास लाभुकों के अनुसार राशि नहीं दी गयी है,
इसी कारण अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है.
मंत्री के साथ केंद्रीय अधिकारियों से बातचीत में इस मसले का हल नहीं निकला और अंतत: मामला अब तक फंसा हुआ है. इस बीच बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को यह उम्मीद है कि केंद्र सरकार से बात करने पर बात बन जायेगी.
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा इसे लेकर पिछले सप्ताह दिल्ली भी गयी थीं, लेकिन वहां पर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात नहीं हो पायी. अब मुलाकात पर पेंशन की सारी संभावनाएं टिक गयी हैं. यानी फिलहाल बिहार के बुजुर्गों को अब इंतजार के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला. मालूम हो कि इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को 400 रुपये प्रति महीना पेंशन राशि दी जाती है. इसमें दो सौ रुपये केंद्र और दो सौ रुपये राज्य सरकार की हिस्सेदारी है. इसके बाद भी राशि तय समय के अनुसार नहीं मिल पाती है.
केंद्रीय मंत्री तोमर से मुलाकात के बाद निकलेगा हल
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कहती हैं कि जब तक केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलेगी, तब तक हम पेंशन कैसे वितरण कर सकते हैं? पिछले वित्तीय वर्ष में भी कम राशि मिली थी और इस साल भी वही हुआ. हम अपने हिस्से से पहले भी एक दो महीने का पेंशन दे चुके हैं. लेकिन यह कितनी बार होगा? दिल्ली गयी, तो वहां केंद्रीय मंत्री तोमर साहब से मुलाकात नहीं हो सकी थी. मुलाकात के बाद मसला सुलझ जायेगा.

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