पटना : अल्पसंख्यकों के विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाये. अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री रोजगार ऋण योजना की शुरुआत की गयी. इसके तहत आत्मनिर्भर बनाने के लिए कर्ज दिये गये, ताकि उस पैसे से लाभार्थी खुद का रोजगार करें.
अपने पैरों पर खड़े हो सकें और सरकार का कर्ज वापस करें. सबकुछ ठीक-ठाक रहा. युवा आये, उन्हें कर्ज भी मिला. पर कर्ज लौटाने वाले ‘गायब’ हो गये. बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि. के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के नौ कमिश्नरी के विभिन्न जिलों में करीब 2189.29 लाख रुपये बकाया हैं.
इनकी वसूली को विभागीय स्तर पर प्रयास चल रहे हैं. फिर भी अपेक्षित प्रगति नहीं मिल रही है.
होगी कार्रवाई
वसूली को लेकर लगातार सतर्कता बरती जा रही है. डोर टू डोर रिकवरी एजेंट को भी भेजा जाता है. वसूली को लेकर अगर अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आये तो बकायेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे.
अरशद अजीज, प्रबंध निदेशक, बिहार स्टेट माइनॉरिटीज फाइनेंशियल कॉरपोरेशन लि.