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सेहत से खिलवाड़ : रैपर बदल बेचता था एक्सपायरी दवा

आनंद तिवारी @पटना राजधानी पटना में नयी पैकिंग में पुरानी दवा बेचने का खुलेआम कारोबार हो रहा है. मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे एक दवा दुकान पर बुधवार को औषधि विभाग की गाज गिर गयी. अशोक राजपथ स्थित महालक्ष्मी ट्रेडर्स नाम की इस दवा दुकान में एक्सपायरी दवा के रैपर को बदल […]

आनंद तिवारी @पटना
राजधानी पटना में नयी पैकिंग में पुरानी दवा बेचने का खुलेआम कारोबार हो रहा है. मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे एक दवा दुकान पर बुधवार को औषधि विभाग की गाज गिर गयी.
अशोक राजपथ स्थित महालक्ष्मी ट्रेडर्स नाम की इस दवा दुकान में एक्सपायरी दवा के रैपर को बदल कर नया रैपर लगा कर लोगों को दवा बेची जाती थी. खुलेआम सेहत से खिलवाड़ को देखते हुए औषधि विभाग ने 28 मई को छापेमारी की इसमें गलत पाये जाने के बाद दुकान के लाइसेंस को रद्द करने की अनुशंसा सहायक औषधि नियंत्रक को भेजी गयी थी. इसमें जांच होने के बाद मामला सही पाया गया और बुधवार को लाइसेंस रद्द करने के लिए औषधि विभाग ने आदेश जारी कर दिया.
900 की दवा बेचता था 1500 रुपये में : जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि महालक्ष्मी ट्रेडर्स एक्सपायर मेडिसिन का रैपर बदल कर उसे नये रैपर में पैक कर मार्केट में सप्लाइ करने का खेल करता था. इतना ही नहीं दवाओं के प्रिंट रेट से भी वह खुलेआम खिलवाड़ करता था.
900 की दवा 1500 रुपये में मरीजों को बेचता था. इसकी सूचना लगातार औषधि विभाग को मिल रही थी. ठोस कार्रवाई करने के लिए औषधि विभाग ने ऑपरेशन ड्रग माफिया नाम से टीम का गठन किया और ड्रग इंस्पेक्टर ने सही मौके का इंतजार किया. विभाग ने यहां की 61 तरह की दवाओं के रैपर बदले जाने की पुष्टि की है.
दिल्ली और बेंगलुरु में बनती है नकली दवा कानपुर से आता है रैपर, पटना में पैकिंग
पटना सहित पूरे बिहार के कई जिलों में नकली एक्सपायरी दवा का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है. इसमें कई बड़े ड्रग माफिया शामिल हैं. पटना में इनका बड़ा रैकेट है. एक्सपायरी दवाओं को अपडेट करने और नकली दवाओं पर असली का ठप्पा लगाने के लिए रैपर कानपुर में छापे जाते हैं, जबकि नकली दवाएं बेंगलुरु व कोलकाता में बनती हैं. कानपुर में बने रैपर और बेंगलुरु व मेरठ की नकली दवा की पैकिंग पटना में होती है. औषधि विभाग की ओर से गठित ऑपरेशन ड्रग माफिया की टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने गोविंद मित्रा रोड व बहादुरपुर में छापेमारी कर ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर चुका है.
– 50 करोड़ रुपये का है यह गोरखधंधा : पिछले एक साल में गोविंद मित्रा रोड, संदलपुर, बिस्कोमान कॉलोनी, बहादुरपुर और पुरानी बाइपास इलाके से सटे मुहल्लों में छापेमारी हो चुकी है. यहां खुलेआम ड्रग माफिया दवा का काला कारोबार करते पकड़े जा चुके हैं. इतना ही नहीं नकली और एक्सपायरी दवा के साथ फिजिशियन सैंपल का सालाना धंधा पटना समेत पूरे बिहार में लगभग 50 करोड़ रुपये का है. इन माफियाओं का नेटवर्क बिहार के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल, झारखंड और दिल्ली आदि कई राज्यों तक है.
– दवा के पानी में फूलने के बाद हटाते हैं रैपर: मई महीने में औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर सच्चिदानंद विक्रांत की टीम जब माफिया रमेश पाठक के घर पहुंची, तो देखा कि एक्सपायरी दवाएं पानी से भरी बाल्टी में डाली हुई थीं. पानी में फूलने के बाद धंधेबाज एक्सपायरी डेट वाले रैपर कवर हटा देते हैं और फिर नया रैपर लगा देते हैं. यह खेल एंटीबायोटिक, वायल, इंजेक्शन और सीरप में होता है. वहीं दूसरी ओर एक्सपायरी टैबलेट को नया बनाने के लिए डेट को मिटा देते हैं और मुहर लगा कर नयी तारीख डाल देते हैं. इस काम के लिए दवा माफिया अलग से स्टाफ रखते हैं. इन स्टाफ को रुपये दिये जाते हैं.
– 25 पैसे के रैपर से एक्सपायर दवा बन जाती है नयी : औषधि विभाग के इंस्पेक्टरों के अनुसार एक रैपर का खर्च 10 से 25 पैसे के बीच आता है. इतने कम पैसे में ही ड्रग माफिया ब्रांडेड एक्सपायरी दवाओं को नया बना देते हैं. जेनरिक दवाओं के साथ तो यह खेल और धड़ल्ले से होता है. वह इसलिए कि ब्रांडेड कंपनी की दवाएं डेट एक्सपायर होने के बाद कंपनियां वापस ले लेती हैं, पर जेनेरिक दवाओं की वापसी नहीं होती है. जानकारों के अनुसार जेनेरिक दवाएं बाद में किलो के भाव में बेच दी जाती हैं. इसे इस धंधे से जुड़े माफिया खरीद कर रैपर बदल देते हैं और फिर इसे अन्य माध्यमों से बेच देते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
मई में हनुमान एजेंसी व महालक्ष्मी ट्रेडर्स दवा दुकान पर छापेमारी की गयी थी. नकली व एक्सपायरी दवा बेचने के आरोप में हनुमान एजेंसी का लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया था. वहीं, बुधवार को महालक्ष्मी ट्रेडर्स का भी लाइसेंस रद्द करने के लिए आदेश जारी कर दिया गया. ड्रग माफिया के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई जारी रहेगी. -सच्चिदानंद विक्रांत, ड्रग इंस्पेक्टर, औषधि विभाग
विभाग से गया लेटर बंद हो जायेगी दुकान
औषधि विभाग ने दवा दुकान की गलती पकड़े जाने के बाद उसे बुधवार को लेटर जारी कर दिया. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लेटर डाक विभाग द्वारा स्पीड पोस्ट से भेजा गया है. एक दो दिन के अंदर लेटर मिलते ही दवा दुकान बंद हो जायेगा.

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