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साइबर क्राइम में हर साल 84% की वृद्धि
पटना : बिहार में साइबर क्राइम के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसमें हर साल 84 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है.2012 में राज्य भर में साइबर क्राइम के 50 मामले दर्ज किये गये थे, जबकि मौजूदा वर्ष 2017 में अब तक 700 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. यह बात […]
पटना : बिहार में साइबर क्राइम के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. इसमें हर साल 84 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है.2012 में राज्य भर में साइबर क्राइम के 50 मामले दर्ज किये गये थे, जबकि मौजूदा वर्ष 2017 में अब तक 700 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. यह बात राज्य के पुलिस महानिरीक्षक, साइबर क्राइम जितेंद्र सिंह गंगवार ने कही. वह शुक्रवार को यूनिसेफ व राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विमोचन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे. अतिथि के रूप में मंचासीन समाज कल्याण विभाग के निदेशक सुनील कुमार ने बच्चों के मनोविज्ञान को समझने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि डिजिटल खतरे के लिए सिर्फ बच्चे ही जिम्मेदार नहीं है, इसमें माता-पिता की भी भूमिका है.
यूनिसेफ व राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह का आयोजन राजधानी स्थित एक होटल में किया गया. इसमें यूनिसेफ की स्टेट ऑफ वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट ‘डिजिटल दुनिया में बच्चे’ का विधिवत विमोचन किया गया. रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं में हर तीसरा 18 साल से कम उम्र का है.
इससे पूर्व आयोग की अध्यक्ष डॉ हरपाल कौर, सचिव सुजाता चलाना, समाज कल्याण विभाग से निदेशक सुनील कुमार, पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र सिंह गंगवार, यूनिसेफ के बिहार प्रमुख असदुर रहमान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ हरपाल कौर ने बच्चों से इंटरनेट प्रयोग के दौरान सतर्क और सुरक्षित रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि माता पिता और शिक्षक बच्चों को डिजिटल मीडिया के बारे में बताएं. इस दौरान नारी गुंजन की पद्मश्री सुधा वर्गीज, आयोग के सदस्य विजय, श्वेता सहाय समेत कई उपस्थित थे. तकनीकी सत्र में विषय-वस्तु पर विस्तृत चर्चा की गयी. यूनिसेफ के सलाहकार अजय कुमार ने मंच संचालन, प्रशासी पदाधिकारी रश्मि ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
मुख्य रूप से पांच तरह से होते हैं साइबर क्राइम : जितेंद्र सिंह गंगवार नेे बताया कि साइबर क्राइम के मामले मुख्यत: पांच तरह के होते हैं. इसमें एटीएम फ्रॉड, अश्लील अथवा आपत्तिजनक मैसेज, धार्मिक उन्माद फैलाने वाले मैसेज, राजनैतिक विद्वेष व छवि खराब करने वाले मैसेज तथा डाटा प्राइवेसी हैकिंग के मामले शामिल हैं.
गंगवार ने कहा कि इनमें एटीएम फ्रॉड के मामले सर्वाधिक हैं. उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में किसी भी मैसेज की सत्यता जांचे बगैर साइबर क्राइम में न भेजें.
29% लड़कियों की ही पहुंच इंटरनेट तक : यूनिसेफ के राज्य प्रमुख असदुर रहमान ने कहा कि हर बच्चे की डिजिटल दुनिया तक पहुंच होनी चाहिए. पूरे विश्व में केवल 29 प्रतिशत लड़कियों की ही पंहुच इंटरनेट तक है.
उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाने में माता-पिता, शिक्षक, नेट प्रदाता, कॉरपोरेट और नीति निर्माता की भूमिका महत्वपूर्ण है. समारोह में यूनिसेफ की संचार सलाहकार निपुण गुप्ता ने रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी दी.
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