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पद्मावती पर गरमायी राजनीति, सीएम के कदम का स्वागत

पटना : पद्मावती फिल्म पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का जदयू नेताओं ने समर्थन किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने ट्विट किया कि मुख्यमंत्री आपत्तिजनक दृश्य काटने के बाद फिल्म पद्मावती को बिहार में रिलीज करने की बात कही है. इसके लिए सीएम को तमाम क्षत्रिय समाज की […]

पटना : पद्मावती फिल्म पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का जदयू नेताओं ने समर्थन किया है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद संजय सिंह ने ट्विट किया कि मुख्यमंत्री आपत्तिजनक दृश्य काटने के बाद फिल्म पद्मावती को बिहार में रिलीज करने की बात कही है. इसके लिए सीएम को तमाम क्षत्रिय समाज की तरफ से धन्यवाद. पद्मावती फिल्म को लेकर मुख्यमंत्री के बयान से क्षत्रियों में खुशी है. मुख्यमंत्री ने इतिहास की महत्ता को बताते हुए आपत्ति जनक दृश्य को हटाने की मांग की है. उधर, जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय इतिहास की लाज रखी है.
फिल्म पद्मावती पर मुख्यमंत्री ने स्थिति स्पष्ट हो जाने तक प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. संजय लीला भंसाली द्वारा कला की आड़ में भारतीय इतिहास और गौरव को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है. उसे किसी हाल में सफल नहीं होने देना चाहिए. महारानी पद्मावती की शौर्य गाथा कोई काल्पनिक रचना नहीं थी, लेकिन भंसाली ने फिल्म पद्मावती में अपनी कुत्सित मानसिकता के जरिए भारतीय इतिहास के साथ खिलवाड़ करने का घिनौना काम किया है. पद्मावती का गलत चित्रण केवल राजस्थान और क्षत्रियों की भावनाओं को आहत नहीं करता है, बल्कि यह पूरे देश की भावनाओं के साथ गंदा मजाक करने का काम है.
ओमप्रकाश सिंह सेतु ने पद्मावती सिनेमा के प्रदर्शन पर बिहार में रोक लगाए जाने की मांग स्वीकार करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को साधुवाद दिया है। ओम प्रकाश सिंह सेतु ने कहा की इस सिनेमा के नर्मिाता और कलाकारों ने रुपया कमाने के लिए तथ्यों से छेड़छाड़ किया है। इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर किसी भी वर्ग या समुदाय की भावनाओं से खिलवाड़ करना बर्दाश्त नही किया जा सकता है।
वहीं, युवा जदयू के प्रवक्ता अोम प्रकाश सिंह सेतु ने कहा कि मुख्यमंत्री का लक्ष्य है न्याय के साथ सबको साथ लेकर विकास करना. उन्होंने विवादों में घिरी पद्मावती सिनेमा के प्रदर्शन पर रोक लगा कर सराहनीय फैसला लिया है. मुख्यमंत्री के फैसले के बाद सरकार ने फिल्म पद्मावती पर बैन लगाने का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फिल्म से जुड़े मामले की जांच करें और क्लियरेंस मिलने तक राज्य में फिल्म रिलीज नहीं होने दें.

िफल्म के प्रदर्शन पर लगे रोक: कृष्ण कुमार
हिंदी फीचर फिल्म पद्मावती पर छिड़े विवाद के बारे में प्रदेश सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने भी इसके निर्माता-निर्देशक पर संस्कृति से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि इसके प्रदर्शन की अनुमति देने वालों को पहले ही देख लेना चाहिए था कि फिल्म में किस तरह की कहानी और स्क्रिप्ट है. उन्होंने कहा कि जब यह बात सामने आ गई है कि इसमें ऐतिहासिक तत्वों से छेड़छाड़ किया गया है तो ऐसे में इस फिल्म के प्रदर्शन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा देनी चाहिए और त्रुटि का सुधार करना चाहिए.
सेंसर बोर्ड संज्ञान ले : मांझी
फिल्म पद्मावती के विरोध पर जीतनराम मांझी ने कहा है कि रानी पद्मावती हमारी धरोहर हैं और उन्होंने खिलजी से कोई प्रेम नहीं किया था. फिर भी सेंसर बोर्ड को मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है. बिहार के उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह ने भी कहा कि रानी पद्मावती के इतिहास को फिल्म में अगर तोड़ मरोड़ कर दिखाया गया तो वे इसका विरोध करेंगे. भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है.

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