पटना: केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों के लिये केंद्र सरकार ने बिहार का कोटा मात्र 35,715 तय किया है. अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिये यह संकट से कम नहीं है. बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित्तीय निगम से मिले आंकड़ों पर गौर करें, तो करीब एक लाख आवेदन मिले हैं. इससे साफ है कि आधे से अधिक विद्यार्थी छात्रवृत्ति पाने से वंचित हो जायेंगे.
इसको लेकर नीतीश सरकार ने मंथन करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना से छूटे पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों को सरकार राहत देने की योजना बना रही है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा. उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष से शेष विद्यार्थियों को राज्य सरकार छात्रवृत्ति देगी.
सरकार ने तय कर रखी है राशि
केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों को मिलने वाली राशि पहले से तय होती है. केंद्र सरकार सरकारी स्कूलों, कॉलेजों के अनुसार यह राशि तय करती है. तय राशि से अगर कम फीस है तो उतनी ही राशि का भुगतान सरकार करती है. अगर तय राशि से अधिक फीस है तो, तय से ऊपर वाली राशि को विद्यार्थियों को खुद जमा करना होता है. सरकार जो राशि तय है, उसी का भुगतान करेगी.
विद्यार्थियों की परेशानी समझ रही सरकार
राज्य सरकार अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की परेशानियों को समझ रही है. इसमें केंद्रीय छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट मैट्रिक के विद्यार्थियों मिलने वाली छात्रवृत्ति भी शामिल है. दरअसल, राज्य का कोटा जो तय होता है, उससे कहीं अधिक आवेदन आते हैं. ऐसे में काफी संख्या में छात्र वंचित रह जाते हैं. जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे. स्वीकृति का प्रस्ताव अभी प्रक्रिया में है.
-खुर्शीद अहमद, मंत्री, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग