Advertisement
बिहार : शौचालय घोटाले में नौ अन्य लोग गिरफ्तार, रोकड़पाल पूरे खेल का है मास्टरमाइंड
सचिव, डाटा इंट्री ऑपरेटर, क्लर्क व ब्लॉक को-आर्डिनेटर पर गिरी गाज पटना : शौचालय घोटाले में अनुसंधान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे घोटालेबाजी में शामिल लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. अनुसंधान के क्रम में एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान बिहारशरीफ की संलिप्तता पहले ही सामने आ चुकी है. पुलिस को सफलता […]
सचिव, डाटा इंट्री ऑपरेटर, क्लर्क व ब्लॉक को-आर्डिनेटर पर गिरी गाज
पटना : शौचालय घोटाले में अनुसंधान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे घोटालेबाजी में शामिल लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. अनुसंधान के क्रम में एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान बिहारशरीफ की संलिप्तता पहले ही सामने आ चुकी है.
पुलिस को सफलता मिली और नालंदा, नवादा, पटना के फतुहा, मनेर, बिहटा आदि कई ठिकानों पर छापेमारी कर एनजीओ अादिशक्ति सेवा संस्थान की सचिव सुमन सिंह उर्फ रीता सिंह (नवादा, किलापर), उसके पति दिवाकर सिंह उर्फ दीपक राज सिंह(नवादा, किलापर), पीएचईडी के डाटा इंट्री ऑपरेटर तारकेश्वर कुमार (नवरत्नपुर, खगौल), क्लर्क राजेश कुमार (पोस्टलपार्क रोड नंबर एक) को पकड़ लिया गया. इसके साथ ही पांच ब्लॉक कोऑर्डिनेटर भी गिरफ्तार किये गये.
इसमें बिहटा के तत्कालीन ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर संजय कुमार (बाढ़, जलगोविंद), मनेर के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर दिनेश कुमार (कल्याणपुर, फतुहा), दनियावां के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर दर्वेश कुमार (मसौढ़ी), फतुहा के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर सुनील प्रसाद (आदमपुर, भदौर) व नौबतपुर के ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर अभय चंद्र भारती (बाइपास, मरची) शामिल हैं.
रोकड़पाल पूरे खेल का है मास्टरमाइंड
अनुसंधान के क्रम में और पकड़े गये आरोपितों से पूछताछ में यह बात सामने आयी है कि कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा व रोकड़पाल बिटेश्वर प्रसाद ही इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड हैं. इन दोनों ने ही पूरी योजना बनायी और शौचालय के लिए 14 करोड़ 37 लाख की राशि गबन कर ली. इस खेल में उसने एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान का सहारा लिया और ऑफिस के कुछ कर्मचारियों को उनकी कमीशन देकर मुंह बंद रखने के लिए मना लिया.
इसके बाद शौचालय के नाम पर पैसा लगातार आदिशक्ति सेवा संस्थान के खाते में डालने लगा और संस्थान के अध्यक्ष उदय कुमार व सचिव सुमन सिंह से पैसे लेकर अपने विभिन्न खाताें में डालता रहा. सुमन सिंह पहले से ही पीएचईडी विभाग से जुड़ी थी और पहले भी उसने कुछ काम कराया था. इसी दौरान उसकी जान-पहचान रोकड़पाल बिटेश्वर से हुई. कार्यपालक अभियंता विनय के निर्देश पर बिटेश्वर ने एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान बनवाया और फिर घोटाले का खेल शुरू हो गया.
– इस खेल में एनजीओ आदिशक्ति सेवा संस्थान का लिया गया सहारा
– कई जूनियर इंजीनियरों की गर्दन भी फंसेगी-इस मामले में पीएचईडी विभाग के कई जूनियर इंजीनियरों की गर्दन भी फंसेगी, क्योंकि वे लोग भी इस घोटाले में शामिल थे. पुलिस के समक्ष कई जूनियर इंजीनियर के नाम सामने आ चुके हैं. फर्जी लाभुकों की लिस्ट तैयार करने में ब्लॉक को-ऑर्डिनेटर की मदद की थी. गिरफ्तार ऑपरेटर व क्लर्क के माध्यम से फर्जी लिस्ट तैयार करते थे और वह लिस्ट जूनियर इंजीनियर को मिलती थी.
– लाखों रुपये कमीशन देकर ऑफिस के कर्मचारियों का मुंह कराया बंद
एसआईटी को एक डायरी भी हाथ लगी है, जिसमें नौ करोड़ रुपये का हिसाब मिला है. उसमें बिटेश्वर के हस्ताक्षर भी हैं. सुमन जब भी उसे पैसा देती थी तो उस पर हस्ताक्षर करा लेती थी. जबकि एक करोड़ रुपये उसने विनय कुमार सिन्हा के दूसरे बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किया था. इसके साथ ही पुलिस को बिटेश्वर प्रसाद का एक पेज का एकरारनामा मिला है. यह पेज रेवेन्यू स्टांप युक्त है.
– कई और जूनियर इंजीनियरों की हो सकती है गिरफ्तारी
– घोटाले के पैसे से खरीदी स्कॉर्पियो – पकड़ी गयी सुमन सिंह ने पुलिस के समक्ष यह स्वीकार किया है कि बिटेश्वर हमेशा उसके बिहारशरीफ या नवादा स्थित आवास पर आता था. इसके साथ ही उसने घोटाले के पैसे से एक स्कॉर्पियो भी खरीदी थी. स्कॉर्पियों काे भी जब्त कर लिया है. सुमन ने मीडिया को बताया कि कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा एनजीओ के एकाउंट में बिटेश्वर के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करता था और साथ ही नकद भी देते थे. इसके एवज में उसे पांच फीसदी कमीशन मिलता था.
– 10 आरोपित पहले भी हो चुके हैं गिरफ्तार – इन नौ लोगों की गिरफ्तारी के बाद शौचालय घोटाले में अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके पूर्व दस लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. जेल भेजे गये लेागों में पीएचईडी के रोकड़पाल बिटेश्वर प्रसाद, डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रीति भारती, मां सर्वेश्वरी सेवा संस्थान के सचिव मनोज कुमार, मनोज कुमार के भाई कन्हैया कुमार, मनोज कुमार का सहयोगी रोशन कुमार व अन्य थे.
बिटेश्वर ने स्वीकारा-विनय कुमार के साथ मिल कर किया था शौचालय घोटाला
एसआइटी ने बिटेश्वर को दो दिनों के रिमांड पर ले लिया है और पूछताछ कर रही है. बिटेश्वर ने स्वीकार किया कि उसने विनय कुमार सिन्हा के इशारे पर शौचालय घोटाला किया है. विनय कुमार सिन्हा की इशारे पर उसने एनजीओ आदि शक्ति सेवा संस्थान को खड़ा किया और फिर फर्जी लाभूकों की लिस्ट के माध्यम से एनजीओ के खाता में रकम भेजी गयी.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement