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बिहार : ठंड में देरी, मौसम की बेरुखी से बढ़ा डेंगू का खतरा

पटना : डेंगू का डंक इस बार अब भी जारी है. इस मौसम में भी डेंगू अपना कहर लोगों पर बरपा रहा है. अक्तूबर व नवंबर माह के पहले सप्ताह में समान्यत: जब डेंगू और मलेरिया के मरीज कम हो जाते थे लेकिन इस साल लगातार मरीज बढ़ रहे हैं. स्थिति यह है कि रोजाना […]

पटना : डेंगू का डंक इस बार अब भी जारी है. इस मौसम में भी डेंगू अपना कहर लोगों पर बरपा रहा है. अक्तूबर व नवंबर माह के पहले सप्ताह में समान्यत: जब डेंगू और मलेरिया के मरीज कम हो जाते थे लेकिन इस साल लगातार मरीज बढ़ रहे हैं. स्थिति यह है कि रोजाना चार से पांच डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. बीते 15 दिनों में हर रोज डेंगू के दो, चिकनगुनिया व मलेरिया के छह मरीज आ रहे हैं.
किट खत्म, जांच बंद
– नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू के जांच किट खत्म हो गया है. इससे 16 नवंबर से जांच बाधित है. मरीज को निराश लौटना पड़ रहा है. सोमवार को भी आधा दर्जन से अधिक मरीजों को लौटना पड़ा.
– पटना में अगले एक सप्ताह केभीतर पारा गिरकर 12 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है.
तापमान अधिक रहने के कारण अभी तक मच्छर हैं सक्रिय
विशेषज्ञ डॉक्टरों की मानें तो ठंड में इस साल देरी के कारण मच्छरों की सक्रियता बढ़ गयी है. अब डेंगू व मलेरिया के साथ ही मिक्स मलेरिया के भी मरीज सामने आ रहे हैं.
डॉक्टरों के अनुसार इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में भी तापमान अधिक है. नवंबर में तापमान 30 डिग्री के लगभग है व रात के तापमान में भी गिरावट नहीं है. बादलों के कारण गर्मी बढ़ रही है. इस कारण मच्छर अब पहले से अधिक आक्रामक हो गये हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जिन घरों में मरीज मिल रहे हैं, उन घरों के आसपास लार्वा सर्वे किया जा रहा है. विभाग की ओर से प्रभावित मोहल्ले में फॉगिंग के लिए सूची भेजी जा रही है.
फिर मिले चार नये मरीज
पीएमसीएच में शनिवार को चार मरीजों में डेंगू पॉजिटिव पाया गया है. इनमें दो पटना के मरीज हैं. पीड़ितों में एक 12 साल की लड़की भी शामिल है. इनमें किसी का सरकारी तो किसी का प्राइवेट अस्पताल में इलाज जारी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो से तीन पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं.
ठंड में देरी की वजह से डेंगू की सक्रियता बढ़ी है. लेकिन मरीज कम आ रहे हैं. ठंड बढ़ती है, तो डेंगू के मामले कम हो जायेंगे.
डॉ विजय कुमार गुप्ता, प्रिंसिपल, पीएमसीएच
-अपने आसपास मच्छर को पनपने नहीं दें. जलजमाव पर केरोसिन तेल डाल दें
-जब मच्छर काटता है, तो लाइफ लांग कवर करता है. डेंगू से संक्रमित मच्छर 22 दिनों तक जीवित रहता है
-मरीज को काट कर मच्छर दूसरे व्यक्ति को काट ले तो भी यह बुखार होता है
-घर व ऑफिस के अंदर खास ध्यान दें. पूरे बाजू के कपड़े पहनें
-बुखार हो तो सामान्य जांच के बाद दवाइयां लें
डेंगू-चिकनगुनिया से डरें नहींकेवल 500 रुपये के इलाज
में ठीक हो सकते हैं आप
डेंगू और चिकनगुनिया के कारण जहां कई लोग भयभीत हो रहे हैं, वहीं कई ऐसे भी हैं जो निजी नर्सिंग होम में जाकर अपना पैसा और समय भी बर्बाद कर रहे हैं. जबकि, डाॅक्टरों के मुताबिक डेंगू और चिकेनगुनिया एक कॉमन इन्फेक्शन है. आपको केवल सतर्क रहना है कि बुखार के साथ यदि सर और जोड़ों में दर्द है, तो डाॅक्टर की सलाह पर जांच करा लेनी है.
जांच के बाद खाने-पीने पर ध्यान देना है. बुखार की कॉमन दवा के साथ फ्रूट जूस लेते रहना है. साथ ही प्लेट्लेट्स की गणना जांच करा कर करते रहिए. दोनों बुखार 95 फीसदी नॉर्मल है. न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज सिन्हा पूरी बीमारी खत्म होने में पांच से सात दिन और पांच सौ रुपये से ज्यादा नहीं लगेंगे.

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