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आरटीडी मॉडल युवाओं के लिए साबित होगा मील का पत्थर
पटना : पहले भर्ती फिर ट्रेनिंग और उसके बाद तैनाती यानी आरटीडी मॉडल युवाओं के लिए मील का पत्थर का साबित होगा. बिहार के युवाओं को कौशल बढ़ाने के लिए कुशल युवा कार्यक्रम के साथ-साथ बिहार कौशल विकास मिशन ने आरटीडी योजना की भी शुरुआत की है. श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सह कौशल […]
पटना : पहले भर्ती फिर ट्रेनिंग और उसके बाद तैनाती यानी आरटीडी मॉडल युवाओं के लिए मील का पत्थर का साबित होगा. बिहार के युवाओं को कौशल बढ़ाने के लिए कुशल युवा कार्यक्रम के साथ-साथ बिहार कौशल विकास मिशन ने आरटीडी योजना की भी शुरुआत की है.
श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव सह कौशल विकास मिशन के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं. अब तक इस योजना में 1100 लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं. 900 लोगों की तैनाती भी हो चुकी है. इस तरह का प्रशिक्षण पानेवाले लोग विदेश में तैनात किये गये हैं. इस योजना को और विस्तार देने के लिए अब बिहार से बाहर देश के बड़े औद्योगिक हब में जाकर कंपनियों के साथ बैठकें की जा रही हैं.
दो दिन पहले गुड़गांव में बैठक हुई, जिसमें 50 से अधिक कंपनियों ने भाग लिया. आरटीडी मॉडल के लिए वस्त्र, पर्यटन, आतिथ्य, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू मीडिया और फिल्म सहित 10 क्षेत्रों का चयन किया गया है. बैठक में मिशन के निदेशक संजय कुमार सिंह व मिशन प्रबंधक अशोक कुमार सिंह, परियोजना निदेशक अमित पांडे भी मौजूद थे. बैठक में अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, सैमसंग, आईबीएम, जीई आदि कंपनियां शामिल हुईं.
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