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विशेष टूर पैकेज पर्यटकों को लुभाने में फेल
लापरवाही. नहीं बढ़ रही है पर्यटकों की संख्या, सुविधाएं भी दुरुस्त नहीं कर रहा निगम सुबोध कुमार नंदन पटना : सरकार बार-बार पर्यटन के विकास और पर्यटक बढ़ने की बात करती है. सच्चाई यह है कि न तो पर्यटकों को संख्या बढ़ रही है और न पर्यटकों की सुविधाएं. जो सुविधाएं हैं वह भी पूरी […]
लापरवाही. नहीं बढ़ रही है पर्यटकों की संख्या, सुविधाएं भी दुरुस्त नहीं कर रहा निगम
सुबोध कुमार नंदन
पटना : सरकार बार-बार पर्यटन के विकास और पर्यटक बढ़ने की बात करती है. सच्चाई यह है कि न तो पर्यटकों को संख्या बढ़ रही है और न पर्यटकों की सुविधाएं. जो सुविधाएं हैं वह भी पूरी तरह दुरुस्त नहीं हैं.
इसकी बानगी है पर्यटन निगम का पैकेज टूर. बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम अधिक-से-अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से लगभग एक दर्जन पैकेज टूर का संचालन कर रहा है. पर पैकेज टूर पर्यटकों को लुभाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं. केवल शनिवार और रविवार को 10-12 पर्यटक इनके तहत आते हैं. इनमें से कई पर्यटकों को निराश होकर जाना पड़ता है, क्योंकि वे जिस पैकेज टूर से परिभ्रमण करना चाहते हैं वह संचालित नहीं हो रहे होते हैं.
मई में नयी दर के साथ शुरू किया था पैकेज: पर्यटन निगम में इसी साल मई माह में बड़े तामझाम के साथ नये पैकेज टूर अौर सुविधाओं को बढ़ाते हुए टूर शुरू किया था. इसमें पटना-पावापुरी-पटना, पटना परिदर्शन, पटना-बोधगया-पटना, राजगीर-नालंदा-पावापुरी पैकेज लेकिन काकोलत को छोड़ अन्य पैकेज टूर सफल नहीं रहे. केवल निगम के कागजों पर चलते रहे.
अन्य दिनाें में दो-चार पर्यटक ही आते हैं: पर्यटन निगम के सूत्रों की मानें, तो वीकेंड को छोड़ कर अन्य दिनों में दो-चार पर्यटक भूले भटके आ जाते हैं. लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है क्योंकि पर्यटन निगम कम संख्या में पर्यटक होने पर पैकेज टूर का संचालन नहीं करता है.
ऐसे पर्यटकों को यहां के कर्मचारी अन्य साधन से टूर करने की सलाह देते हैं. जिसका खर्च 300 रुपये के बजाय 1500 रुपये से अधिक प्रति व्यक्ति खर्च आता है, जो आम पर्यटक के बजट के सीमा से बाहर होता है.
शोभा की वस्तु बनी डबल डेकर बस
डबल डेकर बस पर्यटन विकास निगम के वर्क शॉप में शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. डबल डेकर बस 2014 में पर्यटन निगम ने खास कर पटना दर्शन पैकेज टूर के लिए खरीदी थी.
यह बस तीन साल में महज चार-पांच बार ही पटना दर्शन के लिए खुल पायी है. इस डबल डेकर बस में कुल 28 पर्यटकों के बैठने की क्षमता है. मिली जानकारी के अनुसार लगभग 35 लाख रुपये खर्च कर खरीदी गयी बस अब तक महज 13579 किलो मीटर का सफर ही तय कर पायी है. इसमें ऋषिकेश और जयपुर का बुकिंग शामिल हैं.
– ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा तक नहीं: सबसे हैरान करने वालीबात यह है कि आज पूरे विश्व में पर्यटन उद्योग का कारोबार ऑनलाइन हो रहा है,लेकिन पर्यटन निगम केवल वेबसाइट तक ही सीमित है. फिर भी सरकार बार-बार कहती है कि राज्य में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह हैरान करने वाला
तथ्य है.
सोनपुर मेला पैकेज टूर पूरी तरह फेल
सोनपुर मेले के लिए पर्यटन निगम ने स्पेशल पैकेज टूर बनाया है. पटना-सोनपुर-पटना जो प्रतिदिन सुबह दस बजे आर ब्लाक स्थित कौटिल्य विहार से खुलता है, इसके लिए 200 रुपये/व्यक्ति शुल्क है. पटना- वैशाली- बासोकुंड -सोनपुर-पटना पैकेज टूर के लिए 600 रुपये/व्यक्ति (एसी बस) तथा 450 रुपये (ट्रैवलर) हैं. पटना-अंबिका भवानी-सोनपुर-पटना के 8000 रुपये/सात व्यक्ति (एसी कारावैन) है. पटना-थावे-आमी-सोनपुर-पटना पैकेज के लिए प्रति व्यक्ति 750 रुपये और 800 रुपये. पटना- वैशाली- बासोकुंड- पटना पैकेज टूर के लिए प्रति व्यक्ति 400 रुपये है. लेकिन केवल पटना- सोनपुर -पटना के लिए आठ-दस पर्यटक ही शनिवार व रविवार को मिल पा रहे हैं.
कोई बुनियादी ढांचा नहीं
पर्यटन स्थलों पर कोई बुनियादी ढांचा नहीं है. न ही कोई नियमित पर्यटन पैकेज टूर और न गाइड की सुविधा. पर्यटन उद्योग में शामिल लोगों के साथ कोई समन्वय नहीं है. बोधगया एकमात्र अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है. पटना से अन्य शहर की कनेक्टिविटी काफी खराब है. पर्यटन विभाग और पर्यटन निगम गैर सरकारी स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं.
लगातार प्रयासरत है निगम
पैकेज टूर का लाभ अधिक-से-अधिक पर्यटक उठाएं इसके लिए पर्यटन निगम लगातार प्रयासरत है. इसके लिए प्रचार-प्रसार व्यापक स्तर पर शुरू किये जाने की योजना है. जहां तक ऑनलाइन बुकिंग का सवाल है, तो इस पर काम चल रहा है. आने वाले दिनों में यह सुविधा बहाल हो जायेगी. सरकार और निगम दोनों स्तर पर काम चल रहा है.
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