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बिहार : अब बालू घाटों की हाईटेक तरीके से होगी मॉनीटरिंग, उपग्रह की ली जायेगी मदद
अवैध खनन रोकने को नयी योजना पर हो रहा काम पटना : पिछले दिनों बालू के अवैध खनन को लेकर मचे बवाल और नयी खनन नियमावली लागू होने के बाद अब बालू घाटों की हाईटेक तरीके से मॉनीटरिंग होगी. इसके लिए खान एवं भूतत्व विभाग युद्धस्तर पर तैयारी कर रहा है. इसका मकसद नेशनल ग्रीन […]
अवैध खनन रोकने को नयी योजना पर हो रहा काम
पटना : पिछले दिनों बालू के अवैध खनन को लेकर मचे बवाल और नयी खनन नियमावली लागू होने के बाद अब बालू घाटों की हाईटेक तरीके से मॉनीटरिंग होगी. इसके लिए खान एवं भूतत्व विभाग युद्धस्तर पर तैयारी कर रहा है. इसका मकसद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों का पालन करते हुए पर्यावरण सुरक्षा को महत्व देना, सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी करना और आम लोगों को उचित दर पर आवश्यकतानुसार बालू उपलब्ध करवाना है.
खान एवं भूतत्व विभाग के सूत्रों की मानें तो अवैध खनन रोकने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जायेगा. इसके लिए विभागीय अधिकारी लगातार एक्सपर्ट्स से सलाह-मशविरा कर रहे हैं. प्रत्येक बालू घाट को करीब पांच-पांच हेक्टेयर के पांच टुकड़ों में बांटा जा रहा है. हर दो टुकड़े के बीच 500 मीटर की दूरी रखी जायेगी. नियमावली के अनुसार हर प्लॉट में तीन मीटर की गहराई तक खनन कर बालू निकालने के बाद उसे छोड़ देना होगा.
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए नयी खनन नियमावली में व्यापक प्रावधान किये गये हैं. इसके अनुसार अब एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माना, पांच साल तक कैद और बंदोबस्त रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है.
उपग्रह की ली जायेगी मदद
प्लॉटों में नियमानुसार खनन हो रहा है या नहीं इसकी मॉनीटरिंग के लिए उपग्रह की मदद ली जायेगी. साथ ही अत्याधुनिक उपकरणों से लैस विभाग के अधिकारी समय-समय पर घाटों का निरीक्षण भी करेंगे.
इसमें यह देखा जायेगा कि बालू का खनन निर्धारित एरिया में हुआ है या नहीं. साथ ही वहां से भंडारण स्थल तक इसकी ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों के बारे में भी जानकारी ली जायेगी. दोनों जगह से जुटाए गये आंकड़ों की समीक्षा होगी जिसके आधार पर यह तय होगा कि बालू खनन में नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.
क्या कहते हैं अधिकारी
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि नए नियमों और अत्याधुनिक उपकरणों के बारे में अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. अवैध खनन रोकने के लिए हाईटेक तरीकों का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे आम लोगों को उचित दर पर बालू की उपलब्धता बढ़ाने और सरकार को राजस्व की बढ़ोतरी कराने में मदद मिलेगी.पर्यावरण मानकों की सुरक्षा भी हो सकेगी.
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