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बिहार : सात महीने में ही छह लाख लीटर शराब की हो गयी बरामदगी
विजय सिंह पटना : बिहार में शराब की सप्लाइ बड़ा आकार लेती जा रही है. शराब तस्करों का सिंडिकेट शराब की सप्लाइ को सबसे फायदेमंद अवैध उद्योग स्थापित करने में जुटा हुआ है. सरकार सख्त है, कानून भी कड़ा है पर कीमत से करीब चार गुना का फायदा दिलाने वाला यह कारोबार पुलिस के सामने […]
विजय सिंह
पटना : बिहार में शराब की सप्लाइ बड़ा आकार लेती जा रही है. शराब तस्करों का सिंडिकेट शराब की सप्लाइ को सबसे फायदेमंद अवैध उद्योग स्थापित करने में जुटा हुआ है.
सरकार सख्त है, कानून भी कड़ा है पर कीमत से करीब चार गुना का फायदा दिलाने वाला यह कारोबार पुलिस के सामने चुनौती खड़े कर रहा है. शुरुआती दिनों की अपेक्षा अब सप्लाइ की स्पीड और तेज हो गयी है. यह कोई और नहीं बल्कि सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि बिहार में शराब की सप्लाइ किस कदर बढ़ रही है. शराब बंदी के करीब डेढ़ साल हो चुके हैं. अब इस बीच पुलिस और मद्य निषेध विभाग की कार्रवाई पर नजर डालें तो सिर्फ विदेशी शराब करीब 11 लाख लीटर बरामद हो चुका है. चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष में यानी पांच अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2017 तक करीब 5 लाख लीटर विदेशी शराब बरामद हुआ था.
लेकिन, इस वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ रहा है. पिछली बार जहां एक साल में 5 लाख लीटर विदेशी शराब बरामद हुई थी वहीं इस बार 1 अप्रैल 2017 से लेकर 27 अक्तूबर 2017 तक करीब 6 लाख लीटर विदेशी शराब बरामद हो चुकी है. मतलब सात महीने में ही 6 लाख लीटर शराब पकड़ी जा चुकी है. इससे साफ है कि एक साल पूरा होते-होते पिछली बार की शराब बरामदगी का आंकड़ा इस बार दो गुना तक पहुंच जायेगा.
हरियाणा, यूपी, झारखंड से आ रही है सप्लाई : बिहार में शराब बंदी के बाद अपराधी किस्म के लोग शराब की सप्लाइ को अपना धंधा बना चुके हैं. इनका पूरा गैंग है. यह लोग अपने गैंग के सदस्यों को हरियाणा, यूपी और झारखंड में बैठा रखे हैं.
वहां से आवश्यकता अनुसार शराब की खेप बड़े वाहनों से मंगायी जा रही है. बिहार में शराब पहुंचने के बाद शहर से दूर गांव वाले इलाके में इसे स्टोर किया जा रहा है. इसके बाद छोटे-छोटे सप्लायरों के जरिये इसकी होम डिलिवरी करायी जा रही है. स्कूटी, बुलेट, चार पहिया वाहनों की डिक्की में शराब रखकर सप्लाई की जा रही है.
जहरीली शराब ले चुकी है चार की जान
रोहतास जिले के कछवां थाना क्षेत्र स्थित दनवार गांव में जहरीली शराब पीने से 27 अक्तूबर की रात चार लोगों की मौत हो गयी. इसी घटना में करीब आधा दर्जन लोग बीमार हो गये हैं. इनमें तीन की हालत काफी गंभीर बतायी गयी है.
इन्हें इलाज के लिए जमुहार के नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा कुछ अन्य निजी अस्पतालों में भरती कराया गया है. बाद में इस मामले में तुरंत हुई कार्रवाई के तहत कछवा थाने के सभी आठ वरीय अफसरों को निलंबित कर दिया गया. 22 अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने घटना की जांच रिपोर्ट मांगी है.
– 5 अक्तूबर, 2016 से लेकर
31 मार्च, 2017 तक की कार्रवाई
रेट में आता है उछाल
शराब की अवैध सप्लाई करने वाले कभी शराब की कीमत चार गुना वसूल रहे हैं तो कभी दो गुना. यह रेट सप्लाई के हिसाब से तय हाे रहा है. सूत्रों की मानें तो जब शराब की खेप कम आ रही है या पुलिस द्वारा पकड़ लिया जा रहा है तो मौजूदा शराब चार गुनी कीमत में बेची जा रही है. लेकिन अगर सप्लाई तेजी से हो ही है तो Rs 500 की शराब Rs 1000 रुपये में भी बेची जा रही है.
दियारा इलाके में स्टोर होती है शराब: शराब के धंधे को इलाकाई क्षत्रप हवा देने में लगे हैं. यह लोग शराब को स्टॉक करवा रहे हैं. फतुहा, बख्तियारपुर, फुलवारी, दानापुर और राघोपुर दियारा इलाके में शराब स्टोर िकया जा रहा है. पुलिस ने यहां कई बार शराब के गोदाम पकड़े हैं.
पुलिस पर हमलावर हैं शराब के कारोेबारी: शराब के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में भी रोड़े अटकाये जा रहे हैं. बीते दिन पिपरा व पुनपुन पुलिस की संयुक्त छापेमारी पिपरा के बेहरावां चकिया मुशहरी में शराब की जब्ती के दौरान ग्रामीण उनपर टूट पड़े. शराब कारोबारी पुलिस पर हमलावर हो रहे हैं.
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