7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार : आस्था की गंगा में फिर कचरे के ढेर

कर अधूरा छोड़ा काम बहरवा, लॉ काॅलेज व रानी घाट की स्थिति पर रिपोर्ट पटना : इसे आस्था का साइड इफेक्ट कहिए या प्रशासन की लापरवाही. छठ के बाद गंगा घाटों का हाल बेहाल हो चुका है. जिन घाटों पर लोग प्रतिदिन आते हैं और सामान्य दिनों में भी पूजा-अर्चना का काम चलता रहता है, […]

कर अधूरा छोड़ा काम
बहरवा, लॉ काॅलेज
व रानी घाट की स्थिति पर रिपोर्ट
पटना : इसे आस्था का साइड इफेक्ट कहिए या प्रशासन की लापरवाही. छठ के बाद गंगा घाटों का हाल बेहाल हो चुका है. जिन घाटों पर लोग प्रतिदिन आते हैं और सामान्य दिनों में भी पूजा-अर्चना का काम चलता रहता है, उनकी स्थिति और खराब है. घाटों पर कचरे का अंबार लगा हुआ है. गंगा में में भी कचरा तैर रहा है.
उपयोग की हुई मूर्ति व पूजा सामग्री भी पानी में तैर रही है. अभी तक लोग आ कर कचरे को गंगा में प्रवाहित करने काम कर रहे हैं. मूर्ति विसर्जन भी किया जा रहा है. अब घाटों की सफाई भी नहीं की जा रही है. प्रभात खबर लगातार गंगा व घाट संरक्षण मुद्दे को लेकर काम करता रहा है. इस क्रम में रविवार को भी तीन घाटों की पड़ताल की गयी, तो घाट गंदे ही पाये गये. घाट पर नदी में कचरा फेंकने से कोई रोकने वाला नहीं है. वहीं घाटों पर डस्टबीन नहीं रखा गया है.
दोपहर एक बजे का समय. प्रभात खबर की टीम दोपहर को गांधी घाट पर पहुंची. मौके पर घाटों की सफाई की गयी थी. कचरे का उठाव भी कर लिया गया था. घाट चकाचक था. वहीं बगल में बहरवा घाट की स्थिति इसके उलट थी. गंदगी पसरी हुई थी. जैसे ही प्रभात खबर की टीम पहुंची, तभी अचानक मूर्ति विसर्जन करनेवाला काफिला आ गया. मूर्ति को नाव से बीच गंगा में ले जाकर विसर्जन कर दिया गया. घाट पर इनको रोकने या समझाने वाला कोई नहीं था.
कचरा फेंकने के लिए नहीं है कोई विकल्प
नगर निगम की ओर से लगभग सभी घाटों पर सफाई का विशेष अभियान चलाया गया था. सफाई के उच्च स्तर को मेंटेन किया गया था, लेकिन छठ पर्व के बाद से ही गंगा के घाट फिर से बदहाल हो गये. जिन घाटों पर प्रतिदिन लोगों का आना जाना है वहां कचरे का अंबार लगा हुआ है. वर्तमान में घाटों की बदहाल स्थिति को लेकर नगर निगम ने कोई मुहिम नहीं चलायी. सबसे बड़ी बात है कि यदि कोई गंगा किनारे पूजा सामग्री डालने आता है तो विकल्प के रूप में अन्य किसी जगह पर कचरा फेंकने की जगह नहीं है.
जागरूक करने के लिए नहीं चला अभियान
नदी व घाटों की सफाई रखने के लिए भले ही काम किया गया. लेकिन बाद में घाट वैसे ही साफ रहे, इसको लेकर नगर निगम ने अभियान नहीं चलाया. विकल्प के रूप में लोगों को थैला देकर कचरा कहीं चिह्नित कर एक जगह फेंकने की अपील नहीं की गयी. इसके अलावा घाट पर बाद में सफाई कर्मी भी तैनात नहीं किये गये.
लाॅ कॉलेज घाट. दिन के 1:15 बजे का समय. घाट पर ऊपर से लेकर नीचे तक गंदगी का अंबार लगा हुआ है. घाटों पर हुए छठ के अलावा लोग बाहर से लेकर भी कचरा फेंक कर घाट को गंदा कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि नगर निगम ने छठ के बाद एक बार कचरे का उठाव किया था, लेकिन वह महज खानापूर्ति थी. अभी दो ट्रैक्टरों से अधिक कचरा घाटों पर पसरा हुआ है.
रानी घाट पर लोगों का आना-जाना अधिक है. रविवार की दोपहर जब टीम पहुंची, तो घाटों पर लोग स्नान कर रहे थे. इसके अलावा घाटों के किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ था. जानकारी लेने पर बताया कि गया कि यहां भी नगर निगम की टीम ने कचरा उठाव किया है. लेकिन घाट ठीक से साफ नहीं हो सके. कचरा उठाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
घाटों की सफाई के लिए हमेशा अभियान चलाना चाहिए. निगम के क्षेत्र में पड़ने वाली नदी व तालाबों की सफाई की जिम्मेदारी निगम की है.
– गुड्डू बाबा, संयोजक गंगा बचाओ अभियान
गांधी घाट व काली घाट पर स्थायी तौर पर पांच पांच मजदूरों को दिया गया है. जहां गंदगी है, वहां सोमवार से सफाई की जायेगी.
– अभिषेक सिंह, नगर आयुक्त

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें