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डेंगू व चिकनगुनिया की राजधानी बना पटना

बढ़ता मर्ज-बढ़ती लापरवाही. डेंगू के 1105 और चिकनगुनिया के 535 मरीज पटना में पाये गये पटना : पटना अब डेंगू और चिकनगुनिया की भी राजधानी बन गया है. राज्य में इन दोनों बीमारियों के सर्वाधिक मरीज पटना में ही पाये गये हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गये हैं. स्वास्थ्य विभाग […]

बढ़ता मर्ज-बढ़ती लापरवाही. डेंगू के 1105 और चिकनगुनिया के 535 मरीज पटना में पाये गये
पटना : पटना अब डेंगू और चिकनगुनिया की भी राजधानी बन गया है. राज्य में इन दोनों बीमारियों के सर्वाधिक मरीज पटना में ही पाये गये हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के भी कान खड़े हो गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने इसकी उच्चस्तरीय समीक्षा कर इलाज के लिए पहल करने की जिम्मेदारी दी. इस बीमारी की चपेट में विधायक मुंद्रिका सिंह यादव भी आ चुके थे.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी तक राज्य में डेंगू के सत्यापित कुल मरीजों की संख्या 1153 है, जबकि 528 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. पूरे राज्य के कुल डेंगू मरीजों में 1105 डेंगू के मरीज सिर्फ पटना में ही हैं.
इसी तरह से चिकनगुनिया के राज्य में कुल 623 मरीजों के आक्रांत होने की सूचना है. इसमें 535 मरीज पटना में ही हैं. ये दोनों बीमारियां एडिस मच्छर के काटने से फैलती हैं. बीमारी की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने 21 और 25 अक्तूबर को इसकी समीक्षा की.
समीक्षा में पटना के पीएमसीएच और एनएमसीएच को निर्देश दिया गया कि वहां पर इलाज के लिए अलग बेड की व्यवस्था की जाये. साथ ही ब्लड बैंकों में पर्याप्त संख्या में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. साथ ही अपन निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी व पटना वैक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी को पटना नगर निगम से समन्वय कर लार्वा रोधी और टेक्निकल मालाथियोन के छिड़काव का निर्देश दिया गया. स्थिति यह है कि राजधानी में कहीं भी छिड़काव नहीं दिख रहा है.
नहीं हो रही फॉिगंग
पटना. वैसे तो राजधानी में डेंगू और चिकनगुनिया कहर बरपा रहा है, लेकिन शहर के पोस्टल पार्क और आसपास के इलाके में डेंगू कहर बरपा रहा है.
यहां के कई घरों से एक दो डेंगू के मरीजों की पुष्टि हो रही है. सूत्रों की मानें तो अब तक 35 से अधिक लोग डेंगू के शिकार हो चुके हैं. आरोप है कि नगर-निगम व स्वास्थ्य विभाग डेंगू के बचाव को लेकर कोई कार्य नहीं कर रहा है. सफाई तो दूर, न तो फॉगिंग हो रही है और न ही दवा का छिड़काव हो रहा है. लोगों ने इसके पीछे नगर-निगम की लापरवाही और फॉगिंग व दवा न छिड़कने को लेकर विभाग को जिम्मेदार ठहराया है.
खास बात
विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के एक प्रकार में बुखार जैसे लक्षण होते हैं. दूसरा डेंगू हैमरेजिक होता है. इसमें मरीज के नाक, मुंह और पखाना के रास्ते से खून आने लगता है. यह अधिक जोखिम भरा होता है. इस प्रकार के डेंगू में ही मरीजों की मौत होती है. चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से होता है, लेकिन इसमें मरीजों की मौत नहीं होती है.
चिकनगुनिया के मरीजों को क्या करना चाहिए
– चिकनगुनिया की कोई विशेष मेडिसीन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में डॉक्टर की बतायी दवा ही लें. खुद से इलाज करने से बचें और कोई भी दवा न खाएं. इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन भी उपलब्ध नहीं है.
– घर पर रहें और जितना ज्यादा हो सके आराम करें. इस दौरान आराम करना सबसे ज्यादा जरूरी है.
– चिकनगुनिया में अक्सर लोगों को डी-हाइड्रेशन की शिकायत हो जाती है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. लिक्विड डाइट लेना भी फायदेमंद रहेगा.
– अगर आप किसी दूसरी बीमारी के लिए भी दवा ले रहे हैं तो अपने डॉक्टर को उसके बारे में जरूर बताएं. एक साथ दो तरह की दवाइयां लेना खतरनाक भी हो सकता है.
– उन चीजों को ज्यादा से ज्यादा लें जिनसे विटामिन-सी मिले.
बिना डॉक्टर से संपर्क किये न लें दवा
गार्डिनर अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा की मानें तो डेंगू व चिकनगुनिया से पीड़ित कई मरीज डॉक्टर से संपर्क किये बिना दवा खा लेते हैं. ऐसे में उनके शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होने लगती है और स्थिति और बिगड़ जाती है. करीब 10 दिन बाद बीमारी कंट्रोल से बाहर हो जाती है जिससे मरीज की मौत होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.
– बचाव
चिकनगुनिया वायरस जनित बीमारी है और ये इंफेक्टेड एडिज मच्छरों के काटने से फैलता है. ऐसे में सबसे जरूरी है कि मच्छरों के काटने से बचकर रहें. अपने आस-पास सफाई रखें. पूरे कपड़े पहनें और सतर्क रहें.
– चिकनगुनिया
चिकनगुनिया का पता ब्लड टेस्ट और कुछ जरूरी जांच से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट शामिल हैं. वहीं अगर मरीज को जोड़ों में दर्द, तेज बुखार आना, सिर में दर्द, शरीर में दाग होना आदि की समस्या हो रही है तो वह चिकनगुनिया के लक्षण हैं.
– क्या कहते हैं…
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है. इलाके चिह्नित कर फॉगिंग व दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है.
शशि भूषण, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति

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