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कुक के शरीर से टपकता रहता है पसीना, किचन में गंदगी व बदबू
सोया है विभाग. होटल देख लेंगे, तो आप भूल जायेंगे यहां खाना-पीना आनंद तिवारी पटना : शहर के होटल, रेस्टोरेंट, मिष्ठान भंडार और फूड स्टॉल नियम को ताक पर रख कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. अधिकांश होटलों में मानकों की अनदेखी की जा रही है. लोगों को गंदा खाना परोसा जा […]
सोया है विभाग. होटल देख लेंगे, तो आप भूल जायेंगे यहां खाना-पीना
आनंद तिवारी
पटना : शहर के होटल, रेस्टोरेंट, मिष्ठान भंडार और फूड स्टॉल नियम को ताक पर रख कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. अधिकांश होटलों में मानकों की अनदेखी की जा रही है. लोगों को गंदा खाना परोसा जा रहा है. साथ ही सामग्री का रेट लिस्ट भी गायब है. बावजूद खाद्य सुरक्षा विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है. पटना में संचालित हो रहे होटल व मिठाई की दुकानों की जब पड़ताल की गयी, तो सच्चाई सामने आयी. विभाग की उदासीन रवैये का नतीजा है कि होटल मालिक बेखौफ नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
क्या है खाद्य सुरक्षा विभाग का नियम
– ए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत अब खाने की चीजें बेचनेवाले छोटे-बड़े विक्रेताओं को सिविल सर्जन ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराना होगा और लाइसेंस लेना होगा
– दुकानों में साफ-सफाई नहीं है, तो लाइसेंस रद्द किये जा सकते हैं
– अगर कोई मिलावटी चीजें बेचता पकड़ा गया, तो लाखों हर्जाना के साथ ही उसे जेल भेजने का भी प्रावधान है
– सब्जीमंडी, फल-सब्जी बेचनेवाले, जूस की दुकान, दूध विक्रेता, चाय की दुकान व अन्य खाने की दुकानों का रजिस्टर कराना है
– खाने की चीजें बेचनेवाले का सालाना टर्न ओवर 12 लाख से ज्यादा है, तो उसे लाइसेंस लेना होगा
– नकली ब्रांड के खाद्य सामग्री बेचने और नकली विज्ञापन के मामले में विभाग अलग-अलग सजा और जुर्माना कर सकता है
– लाइसेंस नहीं पाया गया, तो 3 साल कैद और 5 लाख जुर्माना का प्रावधान
सिर्फ त्योहारों में होती है छापेमारी
फूड विभाग की छापेमारी सिर्फ त्योहारों में होती है. होली, दीपावली, छठ आदि पर्व-त्योहार के दौरान कुछ दुकानों पर कार्रवाई कर खाद्य सुरक्षा विभाग खानापूर्ति करता है. यही वजह है कि जैसे ही त्योहार बीत जाता है इसके बाद दुकान मालिकों के हौसले बुलंद हो जाते हैं. इतना ही नहीं जिस दुकान पर कार्रवाई होती है, उसके बाद वहां की स्थिति बाद में फिर खराब हो जाती है.
तारामंडल के सामने एक प्रसिद्ध मीट के होटल के सामने खड़े हैं. यहां होटल के इंट्री गेट पर मीट रखने के लिए छोटा किचन बनाया गया है और बाकी खाना किचन में बन रहा हैं. मीट बनानेवाला व गरम करनेवाला कर्मचारी न तो ड्रेस में है और न ही गल्बस लगाया है. शरीर से पसीना टपक रहा है. दीवार व फर्श गंदी है.
बिस्कोमान भवन में संचालित प्रसिद्ध भोजनालय बाहर से दिखने में साफ-सुथरा है. लेकिन, अंदर के कर्मचारी उतने ही गंदे तरीके से खाना परोसने व बनाने का काम कर रहे हैं. खाना परोसने के लिए यहां तीन कर्मचारी लगाये गये हैं, लेकिन किसी के पास कोई ड्रेस नहीं है. इनमें एक कर्मचारी का बालिग होने पर भी संदेह है.
बिस्कोमान भवन में ही एक मिठाई की दुकान चल रही है. दुकान के इंट्री गेट पर ही किचन बनाया गया है. किचन में काम कर रहे कुछ कर्मचारियों के पास न तो गलब्स था और नहीं सिर पर लगाने के लिए कवर. कर्मचारियों के सिर के बाल टूट कर खाने में गिर रहे हैं. जबकि, यह शहर के बड़े मिठाई दुकानों में प्रसिद्ध माना जाता है.
सेंट्रल लाइब्रेरी के सामने दर्जनों की संख्या में मिठाई की दुकान हैं. लेकिन, यहां की एक भी दुकान खाद्य सुरक्षा के नियम को पालन नहीं कर रही है. यहां पाथ-वे के सामने ही मिठाई बनाने का काम हो रहा है. सामने नाली का पानी गुजर रहा व गंदगी का ढेर है. यहां की दुकानों पर बिहार की फेमस मिठाई बनायी जाती है.
बोरिंग रोड चौराहे पर पार्किंग को खान-पान का स्टॉल बना दिया गया है. यहां जमीन पर ही दर्जनों स्टॉल खाना बना रहे हैं. औजार देख कर लगता है पिछले कई सालों से सफाई नहीं हुई है. स्टील में मसाले रखने के बजाय यहां खुले में व प्लास्टिक में रखा गया है. सब्जी भी गंदे पानी में धोया जा रहा है. आसपास के लोगों ने बताया कि पार्किंग से सटे शुलभ शौचालय से पानी आता है, जहां ग्राहकों को दिया जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर-अधिकारी
गंदे व बिना सफाई के खाद्य पदार्थ के सेवन से लोगों को आंत व लिवर में सूजन, अनपच की शिकायत, पेट में दर्द, कमजोरी, भूख की कमी और उलटी हो सकती है. लोगों को मैन्युफैक्चरिंग व एक्सपायरीतिथि देख कर ही खरीदनी चाहिए. इसके अलावे खुले में रखे खाद्य पदार्थ का उपयोग नहीं करना चाहिए.
डॉ मनोज कुमार सिन्हा, अधीक्षक, गार्डिनर रोड अस्पताल
खाद्य सुरक्षा विभाग के नियम तोड़नेवालों पर कार्रवाई एक सप्ताह के अंदर की जायेगी. इसके लिए विभाग ने टीम गठित कर दी है. इतना ही नहीं कई होटलों व रेस्टोरेंटों को चिह्नित भी किया गया है. बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जायेगी. अगर मामला पकड़ में आया, तो लाइसेंस भी रद्द होगा.
मुकेश कश्यप, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
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