पटना : प्रदेश के दस जिलों में एक अक्तूबर से बालू का खनन शुरू हो गया. एक से तीन अक्तूबर के दौरान कुल 11.65 लाख घनफीट बालू का खनन किया जा चुका है. इससे पहले एक जुलाई से 30 सितंबर तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नदियों से खनन पर रोक लगा रखी थी.
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंगलवार को कहा कि औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, गया, कैमूर, किशनगंज, नवादा, पश्चिमी चंपारण, नालंदा और मुजफ्फरपुर में बालू का खनन एक अक्तूबर से शुरू हो गया. इसके साथ ही यह बालू बाजार में उपलब्ध भी होने लगा है. पूर्व भंडारित व जब्त बालू की नीलामी जारी है. 15 सितंबर से दो अक्तूबर तक पटना में 16.95 लाख घनफीट बालू की नीलामी हो चुकी है. इनमें 7.09 लाख घनफीट का उठाव भी हो चुका है.
उन्होंने कहा कि सारण जिले में 37 लाख घनफीट बालू की नीलामी हुई है. इसमें 18.45 लाख घनफीट का उठाव हो चुका है.उन्होंने दावा किया कि सितंबर महीने में कुल आठ जिलों में दो करोड़ 15 लाख 65 हजार घनफीट जब्त व पूर्व भंडारित बालू का उठाव हुआ. ब्रॉडसन कंपनी के खनन पर लगी रोक के कारण पटना, भोजपुर और सारण में किल्लत दिख रही है. यह भी जल्द खत्म हो जायेगा. यहां बांका, नवादा, गया, औरंगाबाद आदि जिलों से बालू की उपलब्धता बन जायेगी.
विशेष सचिव ने कहा कि खनन विभाग ने अपने बूते पिछले एक महीने में बालू के अवैध खनन में लिप्त 186 लोगों को गिरफ्तार किया. सभी जिलों में 1578 छापेमारियां हुईं और 293 एफआईआर दर्ज की गयी. एक करोड़ 39 लाख, 40 हजार घनफीट बालू जब्त किया गया. सबसे अधिक छापेमारी बेगूसराय, खगड़िया, सारण, रोहतास, गया, गोपालगंज आदि जिलों में हुई. राज्य पुलिस ने इसी अवधि में मात्र 52 लोगों को गिरफ्तार किया.