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पटना जंक्‍शन के 300 से ज्‍यादा ट्रैक मैन मेंटेनेंस का काम छोड़ धो रहे अफसरों के बीबी के कपड़े

पटना : पटना जंक्शन पर तैनात ट्रैक मैन, जिनका काम ट्रैक का मेंटेनेंस करना है. लेकिन, वह पिछले पांच वर्षों से दानापुर रेलमंडल के एक वरीय अधिकारी के घर तैनात था. ट्रैक मेंटेनेंस का मूल काम छोड़ उससे घर पर बागवानीकरायी जा रही थी. गार्डेन का घास काटना व पौधों में पानी देना मूल काम […]

पटना : पटना जंक्शन पर तैनात ट्रैक मैन, जिनका काम ट्रैक का मेंटेनेंस करना है. लेकिन, वह पिछले पांच वर्षों से दानापुर रेलमंडल के एक वरीय अधिकारी के घर तैनात था. ट्रैक मेंटेनेंस का मूल काम छोड़ उससे घर पर बागवानीकरायी जा रही थी. गार्डेन का घास काटना व पौधों में पानी देना मूल काम हो गया था. कभी-कभी इन कामों से छुटकारा जल्दी मिल जाता था, तो अधिकारी के घर के लोगों के कपड़े भी धोने पड़ते थे. यह दर्द शनिवार को पटना जंक्शन पर मूल कार्य करने आये एक ट्रैक मैन का था. ट्रैक मैन ने बताया कि वह जिस अधिकारी के घर पर तैनात था, वहां 15 अन्य कर्मी भी थे. ये कर्मी सुबह से लेकर देर रात तक साहब की बेगारी में लगे रहते थे.
खाना बनाने से लेकर बर्तन धोने तक का काम
शनिवार को जंक्शन के पूर्वी छोड़ पर सात ट्रैक मैन काम कर रहे थे, जो लाइन व ट्रैक मेंटेनेंस में जुटे थे. इसमें एक ट्रैक मैन ने बताया कि आठ वर्षों से अधिकारी के घर वह काम कर रहे थे. सुबह-सुबह पहुंचते थे और झाड़ू-पोछा के साथ-साथ बरतन धोते थे. कोई आदेश आया है, तो शुक्रवार को वापस मूल काम में भेज दिया गया.
हम जिनके घर पर काम कर रहे थे, वहां 12 कर्मी काम कर रहे थे. कोई कपड़ा धोने, कोई बच्चे को स्कूल बस तक पहुंचने व लाने और कोई खाना बनाने के अलावा बाजार से साग-सब्जी लाने का काम कर रहे थे.
300 से अधिक कर्मियों से लिया जा रहा घर का काम
दानापुर रेल मंडल के वरीय अधिकारी हो या फिर स्टेशन मैनेजर, स्टेशन मास्टर और विभिन्न शाखाओं के अभियंता. इन अधिकारियों में किसी के घर पांच, तो किसी अधिकारी के घर 25-30 चतुर्थवर्गीय कर्मियों की तैनाती की गयी है.
इसमें कुछ को मौखिक और कुछ को लिखित आदेश दिया गया है. स्थिति यह है कि सिर्फ दानापुर रेल मंडल में 300 से अधिक चतुर्थवर्गीय कर्मी मूल कार्य छोड़ अधिकारियों के घर ड्यूटी कर रहे हैं. हालांकि, चेयरमैन के निर्देश के बाद रेल मंडल में हड़कंप मच गया है और अधिकारी अपने-अपने घर से चतुर्थवर्गीय कर्मियों को हटाना शुरू कर दिये हैं.
बेगारी नहीं करेंगे चतुर्थवर्गीय कर्मी
पटना : ट्रैक मैन, गैंगमैन, चपरासी व चौकीदार रेलवे में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी है. इन कर्मियों की कुल संख्या के 10 से 15 प्रतिशत कर्मी रेलवे अधिकारियों के घर बेगारी का कार्य रहे हैं. इससे मूल कार्य बाधित हो रहा है. अब रेल मंडल क्षेत्र में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारी बेगारी का कार्य नहीं कर सकेंगे. इसको लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने जोन के जीएम और रेल मंडल के डीआरएम को निर्देश दिया है कि घर पर तैनात कर्मियों को मूल कार्य पर प्रतिनियुक्त कराएं.
रेल मंडल को पांच सितंबर और पूर्व मध्य रेल जीएम को नौ सितंबर तक शपथपत्र रेलवे बोर्ड को भेजना है, जिसमें सुनिश्चित रहेगा कि कोई चतुर्थवर्गीय कर्मी अधिकारियों के घर पर तैनात नहीं है.
साहब से ज्यादा मैडम ले रही थी काम
शनिवार को पटना जंक्शन के पश्चिमी छोर पर ट्रैक मैन की एक अन्य टीम मिली. इस टीम में एक ट्रैक मैन ने बताया कि वरीय अधिकारी के घर एक-दो कर्मी से काम नहीं चल रहा था, तो 25 कर्मियों को घर पर लगाया गया था. इसमें अधिकतर कर्मी कुली से गैंग मैन के रूप में बहाल किये गये थे. इन्होंने पहले ट्रैक मेंटेनेंस का काम नहीं किया था.
मेरे साथ ही लौटा एक ट्रैक मैन दानापुर में प्रशिक्षण ले रहा है. एक अन्य ट्रैक मैन ने बताया कि साहब ऑफिस टाइम होने पर घर से निकल जाते थे, लेकिन पूरे दिन मैडम हमसे काम करवाती थी. सब्जी काटना, आटा गुथना, कपड़े धोना, बाजार से सब्जी लाना व कपड़ों में आयरन करने से लेकर घर के सारे काम हमसे कराये जाते थे.

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