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पर्यूषण पर्व : लोभ-लालच पर विजय पाने का नाम ही जीवन है
पटना : लोभ-लालच पर विजय पाने का नाम ही जीवन है. जीवन में यह पवित्रता संतोष के माध्यम से आती है. व्यक्ति पर्यूषण पर्व के द्वारा लोभ पर विजय प्राप्त करता है. आत्मा की शुद्धि के मार्ग में लोभ सबसे बड़ा अवरोधक है. लोभ के कारण ही हमारा असंतोष बढ़ता है, हमारी इच्छाओं की वृद्धि […]
पटना : लोभ-लालच पर विजय पाने का नाम ही जीवन है. जीवन में यह पवित्रता संतोष के माध्यम से आती है. व्यक्ति पर्यूषण पर्व के द्वारा लोभ पर विजय प्राप्त करता है. आत्मा की शुद्धि के मार्ग में लोभ सबसे बड़ा अवरोधक है. लोभ के कारण ही हमारा असंतोष बढ़ता है, हमारी इच्छाओं की वृद्धि होती है. लोभ हमारे सभी सदगुणों को नष्ट कर देता है.
जैन महापर्व पर्यूषण के चौथे दिन दिगंबर जैन मंदिर कदमकुआं में दमोह मध्य प्रदेश से पधारे जैन ज्योतिष प्राच्य विद्या अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रतिष्ठाचार्य डॉ पं अभिषेक जैन शिक्षाशास्त्री ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जैन श्रावकों को संबोधित करते हुए कहीं. अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि लोभ कई तरह के होते हैं कितनी भी नदियां पहुंच जाये, फिर भी समुद्र प्यासा रहता है. कितना भी भोजन किया जाय, फिर भी पेट खाली रहता है, अनगिनत शवों को भस्म करने के बाद भी श्मशान भूखा है. इसी तरह तृष्णा की खाई भी रिक्त ही रहती है.
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