पटना : एक ओर जहां सरकार पूरे राज्य को ओडीएफ बनाने की बात कर रही है, लेकिन जो हाल है, उससे ऐसा लगता है कि सरकार केवल राजधानी को ही ओडीएफ बना ले, तो यह बड़ी बात होगी. दरअसल, राजधानी में 100 से अधिक स्लम क्षेत्र हैं, जहां सार्वजनिक शौचालय नहीं है. यहां रहनेवाले पुरुष और महिलाएं खुले में ही शौच को मजबूर हैं.
इनकी आबादी डेढ़ लाख के करीब हैं. ऐसे में सरकार ने तीन माह में इसे पूरी तरह से ओडीएफ घोषित करने की बात कही है, जबकि इसके लिए उनके पास कोई कार्ययोजना नहीं है. सवाल यह है कि कैसे शहर काे ओडीएफ घोषित किया जा सकता है, जबकि इन स्लम बस्तियों को यहां से हटाया भी नहीं जा सकता. शहर के बीचोंबीच स्थित यारपुर के स्लम क्षेत्र के पूर्व-पश्चिम में 3000 से अधिक लोग रहते हैं. सभी रेलवे ट्रैक पर शौच के लिए सुबह व शाम में जाते हैं.
दूसरी ओर शहरी क्षेत्र का वह एरिया जहां अभी डेवलपमेंट का काम चल रहा है, वहां के लोग भी सड़कों पर खुले में ही शौच करते हैं. भूपतिपुर गांव और उससे सटे मुसहरी के लोग सड़क के किनारे शौच जाते हैं. इनके लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. यहां रहनेवाले दिलीप कुमार ने बताया कि यहां का मुसहरी टोला काफी पुराना है. ऐसे में इनके घरों में शौचालय नहीं है.
महादलित टोले में शौचालय के नाम पर अब भी कुछ नहीं
अंबेदकर काॅलोनी लोहानीपुर, सदाकत आश्रम पश्चिमी मैनपुरा, गोसाईं टोला, खास महल हरिजन टोला, करबिगहिया महादलित टोला, मुसल्लहपुर हाट बाजार समिति डोमखाना, कंकड़बाग टेंपों स्टैंड हरिजन टोला, कंकड़बाग पानी टंकी के पास, मछुआ टोली, भंवरपोखर पार्क, बाजितपुर, प्रोफेसर कॉलोनी धोबी टोला, धोबी टोला पुनाईचक, चिरैयाटाड़ देवी स्थान के पास, पोस्टल पार्क महादलित टोला, डोमखाना कुर्जी हॉस्पिटल के पास,
जनतापत गली नवरतनपुर, कंकड़बाग थाना के पीछे, बहादुरपुर मुसहरी, हरिजन कॉलोनी पूर्वी मैनपुरा, सिपारा चमरटोली, हनुमाननगर के द्वार पर, अंबेदकर कॉलोनी संदलपुर, नंद नगर कॉलोनी सैदपुर, बुद्ध मूर्ति गोलंबर मुसहरी, योगीपुर महादलित टोला, इंदिरा नगर महादलित टोला, दुसाधी पकड़ी नब्बे फीट, चांदमारी रोड, राजेंद्र नगर, साकेतपुरी हनुमाननगर, बुद्धा डेंटल कॉलेज के समीप, चौधरी टोला पुनाईचक, पुरानी जक्कनपुर, छज्जूबाग, मानीकचंद तालाब, खास महल के समीप महेंद्रू, बकसिया टोला, भगेडा आश्रम .
कहते हैं यारपुर के लोग
स्लम में रहने वालों की संख्या तीन हजार से अधिक है. कई बार नगर निगम की ओर से फोटो व फाॅर्म भरवाया गया कि शौचालय निर्माण कराया जायेगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ है. लोग रेलवे ट्रैक पर शौच के लिए जाते हैं.
रामचंद्र राम, यारपुर स्लम बस्ती
हम नगर निगम के अधिकारियों के पास भी गये हैं, लेकिन काम नहीं हो पाया है. ऐसे में सभी को खुले में ही शौच जाना पड़ता है.
मो सलीम, यारपुर स्लम बस्ती