पटना : पिछले छह सालों में बिहार में साक्षर भारत योजना के तहत 1.29 करोड़ महिलाएं साक्षर हुई हैं. इन सालों में केंद्र सरकार ने 1.97 करोड़ महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 1.57 करोड़ ही शामिल हो सकी थी. इसी साक्षरता अभियान की ग्रास रूट रियलिटी की जांच के लिए केंद्र सरकार 15 राज्यों के तीन-तीनों जिलों में टीम भेजने जा रही है.
22-30 अगस्त तक बिहार के अररिया, वैशाली और नालंदा में दिल्ली की ‘सेंटर फोर मार्केट रिसर्च एंड सोशल डेवलपमेंट’ की टीम इसका मूल्यांकन करेगी. यह टीम 30 सितंबर तक केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर ही 2022 तक के साक्षर भारत योजना का कार्यक्रम तय किया जायेगा. साक्षरता जांच के लिए दिल्ली की टीम तीनों जिलों में चार-चार ब्लॉक में जायेगी. यहां चार-चार लोक शिक्षा केंद्र के दो-दो प्रेरकों का इंटरव्यू होगा.
साथ ही इन चारों लोक शिक्षा केंद्रों के 20-20 नव साक्षरों के पास जायेंगे और उनसे बातचीत करेंगे. वहीं, साक्षर भारत के पांच-पांच वोलेंटियर का और जिला में 10 प्रतिशत प्रखंड स्तर की कमेटियों का इंटरव्यू होगा. साक्षर भारत योजना की समीक्षा और इंटरव्यू के बाद यह कमेटी अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक केंद्र सरकार को सौंप देगी, जिसके बाद केंद्र सरकार अगले चार सालों का साक्षर भारत कार्यक्रम का रूप रेखा तय करेगी.
साक्षर भारत योजना से बढ़ी साक्षरता
साल लक्ष्य शामिल हुए पास हुए
2011 20 लाख 2021612 1576799
2012 52 लाख 3888215 3283770
2013 14.50 लाख 1247715 1048723
2014 13 लाख 1081283 914135
2015 39 लाख 2581810 2264179
2016 37 लाख 2811455 2353362
2017 22 लाख 2183207 15 लाख