पटना: नालंदा जिले के हिलसा स्थित अख्तियारपुर गांव में 30 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची है. 1983 में बिजली बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन हरिवंश लाल ने गांव तक बिजली पहुंचाने का आदेश दिया था. यह शिकायत लेकर ग्रामीण नरेंद्र कुमार सिंह सोमवार को होल्डिंग कंपनी के जनशिकायत निवारण शिविर में पहुंचे. उन्होंने बताया कि सीएमडी से लेकर सीएम तक के जनता दरबार में कई बार गुहार लगायी, पर कोई असर नहीं हुआ. सीएमडी पीके राय की अनुपस्थिति में नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी संजय कुमार अग्रवाल ने शिकायतों को सुना.
नहीं होती मीटर रीडिंग
सिपारा के पास 70 फुट रोड (आदर्श नगर) में रहनेवाले अजीत सिंह व प्रसिद्ध शर्मा ने आरोप लगाया कि उनके मोहल्ले में मीटर रीडिंग होती ही नहीं. स्थानीय नागरिकों को बिल लाने मसौढ़ी, जबकि बिल जमा कराने पुनपुन ऑफिस जाना पड़ता है. बिजली कर्मचारी बिल देने को 100 रुपये मांगते हैं.
दोबारा मांग रहे आवेदन
कुदरा (कैमूर) से आये जयश्री सिंह ने कहा कि नेवरास गांव के 15 लोगों ने वर्ष 2002 में ही कनेक्शन के लिए आवेदन सहित राशि जमा करायी, पर उन्हें बिजली नहीं मिल सकी. लोगों को अब नये सिरे से पैसा जमा कर आवेदन करने को कहा जा रहा है. सासाराम टाउन के क्रांति रंजन कुमार ने आरोप लगाया कि एइ से लेकर जेइ तक गुहार लगायी, पर कहीं सुनवाई नहीं हुई. बार-बार अनुरोध करने के बावजूद मीटर रीडिंग के बिना ही बिजली भेजी जा रही है. निगरानी को भी शिकायत की, पर कार्रवाई नहीं हुई.
नहीं बंद हो रहा कनेक्शन
विदुपुर (वैशाली) के 66 वर्षीय रंजीत प्रसाद सिंह ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि एक कनेक्शन को बंद करने के लिए उनको इस उम्र में भी दौड़ लगानी पड़ रही है. लंबे समय से ट्रांसफॉर्मर जला पड़ा है, बावजूद बिल एडजस्ट नहीं किया जा रहा. शिविर में होल्डिंग कंपनी के संयुक्त सचिव पीके गोविल व अरुण कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे.