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दो हफ्ते बाद गांधी सेतु को तोड़ने का काम होगा शुरू
ऑथोरिटी इंजीनियर की सहमति पर होगा काम ऊपरी स्ट्रक्चर तोड़ने के लिए मशीन लगाने में लगेगा समय पटना : गांधी सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने का काम दो सप्ताह में शुरू होने की संभावना है. इसके लिए एफकॉन्स कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी की तैयारी पर अॉथोरिटी इंजीनियर सहमत हुए, तो […]
ऑथोरिटी इंजीनियर की सहमति पर होगा काम
ऊपरी स्ट्रक्चर तोड़ने के लिए मशीन लगाने में लगेगा समय
पटना : गांधी सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने का काम दो सप्ताह में शुरू होने की संभावना है. इसके लिए एफकॉन्स कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी की तैयारी पर अॉथोरिटी इंजीनियर सहमत हुए, तो ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने की इजाजत मिल सकती है. गांधी सेतु की देखरेख में लगे कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने कहा कि ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने के संबंध में आदेश की प्रति उपलब्ध करा दी गयी है. अब कंपनी की ओर से इसकी तैयारी शुरू होगी.
कंपनी के विशेषज्ञ इंजीनियर के मुंबई से कल तक आने की संभावना है. इसके बाद ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने से पहले सेतु के नीचे सपोर्ट सहित अन्य काम उनकी देखरेख में होगी. इसमें कम-से-कम 10 से दिन लगेंगे. इसके बाद तोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी. कंपनी की तैयारी पर ऑथोरिटी इंजीनियर की सहमति आवश्यक है. केंद्र ने गांधी सेतु के जीर्णोद्धार को लेकर ऑथोरिटी इंजीनियर की बहाली की है.1,382 करोड़ खर्च अनुमानित : गांधी सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को तोड़ने का काम हाजीपुर साइड से पश्चिमी लेन में होगा.
इसके लिए 12 स्पैन तक घेराबंदी की गयी है. ऊपरी स्ट्रक्चर तोड़ने के दौरान वाहनों का परिचालन जारी रहेगा. काम वाले हिस्से से डायवर्सन कर पूर्वी लेन से वाहनों का परिचालन कराया जायेगा. पहले से स्पैन संख्या 46 के पास कटिंग का काम हो चुका है. जानकारों के अनुसार सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर के तोड़ने के साथ पुननिर्माण का काम होगा. जीर्णोद्धार का काम 42 माह में होना है. पश्चिमी लेन का काम 24 माह में व पूर्वी लेन का 18 माह में पूरा होगा. सेतु पर कंक्रीट की जगह स्टील स्ट्रक्चर होगा. इस पर 1,382 करोड़ खर्च अनुमानित है.
हाजीपुर : महात्मा गांधी सेतु पर वनवे ट्रैफिक व्यवस्था के कारण जाम लगने का सिलसिला जारी है. शुक्रवार को सेतु पर जाम के कारण सैकड़ों वाहन घंटोंं फंसे रहे. भीषण गरमी में लोग पीने के पानी के लिए छटपटाते रहे. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों को झेलनी पड़ी. जाम का कारण सेतु की पाया संख्या 42 के समीप एक ट्रक के खराब होने से शुरू हुई.
अभी पटना छोर से लगी जाम से पुलिस उबर भी नहीं पायी थी कि हाजीपुर साइड में पाया संख्या चार के समीप एक वाहन खराब हो गया. वनवे में वाहन खराब होने की सूचना मिलते ही गंगाब्रिज थाने की पुलिस सक्रिय हुई. आनन-फानन में सेतु पर क्रेन को भेजा गया. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद खराब पड़े वाहन को हटाया, इसके बाद सेतु पर वाहनों का परिचालन शुरू हुआ.
पहलेजा-दीघा रेल पुल सड़क से थी राहत की उम्मीद : गंगा नदी पर पहलेजा से दीघा के बीच बने रेल पुल सड़क के उद्घाटन के साथ उत्तर बिहार के लोगों में यह आस जगी थी कि सेतु पर जाम से लोगों को अब राहत मिलेगी. बीते 11 जून को दीघा-पहलेजा रेल पुल सड़क मार्ग का उद्घाटन और वाहनों की आवाजाही शुरू होने से सेतु पर जाम से लोगों को राहत जरूर मिली है. पर अब भी जात लग रहा है.
पटना सिटी : आमतौर पर वाहनों का दबाव कायम रहने की स्थिति में जाम रहनेवाले महात्मा गांधी सेतु व एनएच पर शुक्रवार को सुबह दस बजे तक वाहनों का दबाव दिखा. इसके बाद धीमी गति से दोपहर बाद वाहनों का परिचालन सामान्य ढंग से होता रहा. खासतौर पर यात्री वाहनों के मामले में यह राहत थी. हालांकि, पुलिसकर्मियों की ओर से मालवाहक वाहनों को कतार में खड़ा कर यात्री वाहनों को रफ्तार देने का काम शुक्रवार को भी दिन भर हुआ. शुक्रवार को भी सैकड़ों बालू लदे ट्रकों का परिचालन होता रहा. इसके बाद भी पुलिसकर्मियों द्वारा मालवाहक वाहनों को रोक कर यात्री वाहनों को आगे निकाला जाता रहा, जिससे वाहन सामान्य ढंग से आगे बढ़ते जा रहे थे. सुबह में जाम की स्थिति एनएच पर जीरो माइल बड़ी पहाड़ी से लेकर पश्चिम में नंद लाल छपरा तक व पूरब में पटना-मसौढ़ी मोड़ से आगे तक कायम थी.
क्या कहते हैं अधिकारी
वनवे क्षेत्र में वाहन खराब होने के कारण जाम लगता है. सूचना मिलते ही पुलिस बल को भेज क्रेन से खराब वाहन को हटाया जाता है. क्रेन को वाहन तक पहुंचाने में मशक्कत करनी पड़ती है. इस दौरान जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
अवनीश कुमार, थानाध्यक्ष, गंगाब्रिज
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