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राज्य के विकास में स्मॉल इंडस्ट्री निभायेगी बड़ी भूमिका : मंत्री

पटना : बिहार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य के विकास में स्मॉल इंडस्ट्री बड़ी भूमिका निभायेंगे. उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2016 लायी गयी है. इससे प्रदेश में उद्योग स्थापित करने वालों को बहुत सुविधा होगी. इस काम में उनकी समस्याओं की शिकायत मिलने […]

पटना : बिहार के उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने कहा है कि राज्य के विकास में स्मॉल इंडस्ट्री बड़ी भूमिका निभायेंगे. उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2016 लायी गयी है. इससे प्रदेश में उद्योग स्थापित करने वालों को बहुत सुविधा होगी. इस काम में उनकी समस्याओं की शिकायत मिलने पर समाधान के प्रयास किये जायेंगे. मंगलवार को पटना में आयोजित उद्यमी सम्मेलन 2017 को संबोधित करने के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं. उद्योग मंत्री ने कहा कि सुंदर, समृद्ध और विकसित बिहार बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसलिए पुरानी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति-2011 को बदल दिया गया. उसके बारे में समीक्षा में यह सामने बात सामने आयी कि सिंगल विंडो सिस्टम में कई जटिलताएं थीं. अब नयी नीति में सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत बनाया जा रहा है.
अभी कई विभागों का कामकाज ऑफलाइन है, इसे ऑनलाइन किया जा रहा है. इसके बाद उद्योग स्थापित करने वालों को सहूलियत होगी. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा कि उद्योग स्थापित करने आने वाले प्रस्तावों की मॉनीटरिंग की जाती है. उद्यमियों को क्लीयरेंस पाने में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाये गये हैं.
इसे अभी लांच ही किया गया है. अगले छह महीने में यह पूर्णरूप से विकसित होकर काम करने लगेगा. इसके बाद किसी भी उद्यमी को भटकना नहीं पड़ेगा. सभी समस्याओं का समाधान एक ही विंडो पर हो जायेगा.
देश का अग्रणी राज्य बने बिहार
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा ने कहा कि हमलोग इस उद्देश्य के साथ काम कर रहे हैं कि देश का अग्रणी औद्योगिक राज्य बनकर बिहार उभरे. किसी भी राज्य में बिजनेस तभी बढ़ता है जब काम करने के लिए उद्यमियों को सहूलियतें दी जाती हैं. प्रदेश की नयी औद्योगिक नीति भी इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर बनायी गयी है. इसमें समस्या होने के बारे में जानकारी मिलने पर समाधान की कोशिश की जायेगी. अभी प्रदूषण नियंत्रण विभाग से कुछ समस्या हो रही है. उसका कारण यह है कि उनका कामकाज ऑफलाइन से ऑनलाइन हो रहा है. दो-तीन महीने में यह ठीक हो जायेगा.
पिछले साल 1 जुलाई से शुरू हुई है नयी पाॅलिसी
उद्योग निदेशक पंकज कुमार सिंह ने कहा कि नयी औद्योगिक पॉलिसी एक जुलाई, 2016 से शुरू हुयी है. हर महीने करीब 100 नये प्रस्ताव आते हैं. स्टेज-1 में अब तक 294 प्रस्तााव मंजूरी हुए हैं. इस कार्यक्रम काखास मकसद लोगों का सुझाव प्राप्त करना है. अच्छे सुझावों से उद्योग नीति को उद्यमियों के अनुसार सुविधाजनक बनाने में मदद मिलेगी.
सवाल : अभी अन्य राज्यों से लाखों टन पेपर बिहार आता है. इस्तेमाल किया हुआ पेपर रद्दी में बेच दिया जाता है. इसे रिसाइकल कर पेपर बनाने का उद्योग यहां लगाया जा सकता है, लेकिन प्रदेश में यह प्रायोरिटी सेक्टर में नहीं है. इस पर क्या कहेंगे? – धनंजय सिंह, पटना
जवाब: प्रधान सचिव ने कहा कि यह अच्छा सुझाव है. विभाग विचार करेगा.
सवाल : बीएड कॉलेज खोला है. उद्योग विभाग के तकनीकी शिक्षा प्रक्षेत्र को इसकी स्वीकृति के लिए अप्रैल, 2017 में आवेदन दिया, लेकिन कोई सुनवायी नहीं हुयी? – नवीन कुमार, बेगूसराय
जवाब: प्रधान सचिव ने कहा कि आवेदन देने के पहले या उसके बाद उद्यमियों को यह समझना आवश्यक है कि स्टेज-1 के दायरे में उनका संस्थान है या नहीं. बीएड कॉलेज इससे बाहर है. इसलिए इस पर विचार नहीं किया जा सकता.
सवाल : उद्योग विभाग के एक कार्यक्रम में 2013 में बुलाया गया था. उसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी से बिहार में उद्योग लगाने की अपील की. वैशाली में एक होटल बनाने के लिए साल 2015 में आवेदन किया. बताया गया कि इसे स्वीकृति का प्रोसेस चल रहा है, लेकिन अब एक लेटर मिला है. इसमें फिर से आवेदन मांगा गया है.
– रामानंद कुमार, नयी दिल्ली
जवाब : प्रधान सचिव ने कहा कि विभाग ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया है कि जिन लोगों को 2011 की पॉलिसी में स्वीकृति नहीं मिली उनको साल 2016 की नयी नीति के तहत आवेदन करना होगा. इसमें विचार किया जायेगा.
सवाल : डुमरी के पास पीवीसी पाइप की फैक्टरी लगाना चाहते हैं. विभाग से स्वीकृति मिली है, लेकिन नयी औद्योगिक नीति में लैंड कन्वर्जन के लिए स्टाम्प ड्यूटी बहुत ज्यादा लग रहा है जबकि साल 2011 की नीति में यह कम लगता था. रिम्बर्समेंट लेने में भी परेशानी होती है.
इस पर विचार किया जाये. – मालिक, सहदेव इंडस्ट्रीज जवाब: प्रधान सचिव ने कहा कि नयी औद्योगिक नीति बहुत सोच-समझकर बनायी गयी है. ऐसा माना जाता है कि किसी भी इंडस्ट्री को शुरू करने में दो साल का समय बहुत होता है. इस दौरान कन्वर्जन में लगे पैसे का रिम्बर्समेंट ले लें. हालांकि इसे अधिक सुविधा योग्य बनाने पर विचार होगा.

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