10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोचिंग संस्थानों की ओर शिक्षकों का ध्यान ज्यादा

हिसुआ : हिसुआ में कोचिंग संस्थानों की बाढ़ सी हो गयी है. स्थिति यह है कि प्रत्येक मुहल्लों के गली-गली में कोई न कोई शिक्षक संस्थान है. लेकिन सरकारी राजस्व के मामले में कोचिंग संस्थानों का कोई रिकार्ड नहीं है. कारण की एक भी कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं है. इतना ही नहीं यहां जितने भी […]

हिसुआ : हिसुआ में कोचिंग संस्थानों की बाढ़ सी हो गयी है. स्थिति यह है कि प्रत्येक मुहल्लों के गली-गली में कोई न कोई शिक्षक संस्थान है. लेकिन सरकारी राजस्व के मामले में कोचिंग संस्थानों का कोई रिकार्ड नहीं है. कारण की एक भी कोचिंग संस्थान निबंधित नहीं है. इतना ही नहीं यहां जितने भी कोचिंग हैं, अधिकतर में कोचिंग देने वाले सरकारी शिक्षक हैं. ये सरकारी शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में तो बच्चों के साथ महज खानापूर्ति करते हैं, लेकिन कोचिंग में जम कर मेहनत करते हैं.

परिणाम स्वरूप यही सरकारी शिक्षक विद्यालय के समय तक कोचिंग में ही क्लास लेते रह जाते हैं. लिहाजा जब गुरु जी ही विद्यालय लेटलतीफ पहुंचते हैं तो सरकारी शिक्षकों से कोचिंग करने वाले छात्र तो कोचिंग के बाद स्कूल न जाकर घर लौट जाते हैं. इस मामले में टीएस कॉलेज हिसुआ के प्रोफेसर तो और भी अव्वल हैं. देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इनका मुख्य पेशा ही कोचिंग व ट्यूशन ही है. लोग बताते हैं कि लाख रुपये से अधिक सैलरी पाने वाले प्रोफेसर कॉलेज में तो महज दो-तीन घंटे ही समय देते हैं, लेकिन उनके घरों के सामने सुबह से शाम तक कोचिंग करने वाले बच्चों की भीड़ लगी होती है. स्थानीय प्रबुद्धजनों ने इस पर आपत्ति जतायी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें