नवादा सदर : शहर की सफाई व्यवस्था की एक बार फिर पोल खुलती नजर आ रही है. सफाई व रोशनी का त्योहार दीपावली के मौके पर भी नगर की सफाई पूरी तरह नहीं हो रही है. रूटीन के तहत वैसे ही सड़कों की सफाई हो रही है. शहर के कई स्थानों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है. सफाई की सफाई व्यवस्था को गति नहीं पकड़ने के लिए नगर पर्षद के साथ आम नागरिक भी कम जिम्मेवार नहीं हैं.
नगर पर्षद के सफाईकर्मी द्वारा सुबह में सफाई किये जाने के बाद दुकानदारों द्वारा अपने दुकानों का कचरा सड़कों पर फेंक दिया जाता है, जो पूरे दिन सड़कों पर बिखर जाता है. सफाई अभियान में लोगों को जागरूक होना भी बहुत जरूरी है. फिलहाल अधिकारियों की अनदेखी के कारण कचरे के ढेर पर लोग धनतेरस की खरीदारी करेंगे.
सीमित संसाधन में ही होती है सफाई : नगर पर्षद के पास दिन प्रति दिन सफाई कर्मियों की कमी होती जा रही है. नगर पर्षद के स्थापना काल के बाद स्थायी तौर पर सफाई कर्मियों की बहाली नहीं हुई है, जो पहले से बहाल हैं वे प्रत्येक साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं. फिलहाल 26 स्थायी कर्मियों व तीन दर्जन से अधिक अस्थायी कर्मियों से सफाई का काम लिया जाता है.
संसाधन के नाम पर कचड़े उठाने वाली कई ट्रॉली मंगायी गयी है, लेकिन अफसोस है कि ट्रॉली चलाने वाले की कमी है. किसी तरह शहर की सफाई कर नगर पर्षद अपने कार्यों का इति श्री कर रही है.
जगह-जगह कूड़े का ढेर : नगर पर्षद द्वारा शहर में सफाई किये जाने के बाद भी कई स्थानों पर कूड़ों का ढेर लगा हुआ है. दीपावली से पहले धनतेरस का त्योहार के मौके पर होने वाली खरीदारी कचड़ों के ढेर पर ही होगी.
प्रशासन द्वारा शहर की सफाई को लेकर लोगों से सहयोग करने की अपील की गयी थी , लेकिन प्रशासन की अपील के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ. सबसे ज्यादा पुरानी बाजार की हालत बदतर है, जहां छत पर रहनेवाले नवादा सदर
शहर की सफाई व्यवस्था की एक बार फिर पोल खुलती नजर आ रही है. सफाई व रोशनी का त्योहार दीपावली के मौके पर भी नगर की सफाई पूरी तरह नहीं हो रही है. रूटीन के तहत वैसे ही सड़कों की सफाई हो रही है. शहर के कई स्थानों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है. सफाई की सफाई व्यवस्था को गति नहीं पकड़ने के लिए नगर पर्षद के साथ आम नागरिक भी कम जिम्मेवार नहीं हैं.
नगर पर्षद के सफाईकर्मी द्वारा सुबह में सफाई किये जाने के बाद दुकानदारों द्वारा अपने दुकानों का कचरा सड़कों पर फेंक दिया जाता है, जो पूरे दिन सड़कों पर बिखर जाता है. सफाई अभियान में लोगों को जागरूक होना भी बहुत जरूरी है. फिलहाल अधिकारियों की अनदेखी के कारण कचरे के ढेर पर लोग धनतेरस की खरीदारी करेंगे.
सीमित संसाधन में ही होती है सफाई : नगर पर्षद के पास दिन प्रति दिन सफाई कर्मियों की कमी होती जा रही है. नगर पर्षद के स्थापना काल के बाद स्थायी तौर पर सफाई कर्मियों की बहाली नहीं हुई है, जो पहले से बहाल हैं वे प्रत्येक साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं. फिलहाल 26 स्थायी कर्मियों व तीन दर्जन से अधिक अस्थायी कर्मियों से सफाई का काम लिया जाता है.
संसाधन के नाम पर कचड़े उठाने वाली कई ट्रॉली मंगायी गयी है, लेकिन अफसोस है कि ट्रॉली चलाने वाले की कमी है. किसी तरह शहर की सफाई कर नगर पर्षद अपने कार्यों का इति श्री कर रही है.
जगह-जगह कूड़े का ढेर : नगर पर्षद द्वारा शहर में सफाई किये जाने के बाद भी कई स्थानों पर कूड़ों का ढेर लगा हुआ है. दीपावली से पहले धनतेरस का त्योहार के मौके पर होने वाली खरीदारी कचड़ों के ढेर पर ही होगी. प्रशासन द्वारा शहर की सफाई को लेकर लोगों से सहयोग करने की अपील की गयी थी , लेकिन प्रशासन की अपील के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ. सबसे ज्यादा पुरानी बाजार की हालत बदतर है, जहां छत पर रहनेवाले