उच्च न्यायालय ने कहा-अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता नहीं
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सीओ व हलका कर्मचारी पर दर्ज होगा केस
उच्च न्यायालय ने कहा-अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता नहीं मुख्य न्यायाधीश ने अग्रेतर कार्रवाई का दिया आदेश सीजेएम ने वारिसलीगंज थानाध्यक्ष से मांगा एफआइआर का प्रतिवेदन नवादा कार्यालय : वारिसलीगंज के नवीन कुमार द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर परिवाद सीडब्लूजेसी 560/2016 की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों […]
मुख्य न्यायाधीश ने अग्रेतर कार्रवाई का दिया आदेश
सीजेएम ने वारिसलीगंज थानाध्यक्ष से मांगा एफआइआर का प्रतिवेदन
नवादा कार्यालय : वारिसलीगंज के नवीन कुमार द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दायर परिवाद सीडब्लूजेसी 560/2016 की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी ने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए अभियोजन स्वीकृति की आवश्यकता को जरूरी नहीं बताया है. उन्होंने निर्देश जारी करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नवादा को वारिसलीगंज अंचल अधिकारी अमित कुमार व हल्का नंबर सात कर्मचारी संजय कुमार के विरुद्ध मुकदमा चलाने की आदेश दिया है. इस पर कार्रवाई करते हुए नवादा सीजेएम ने शुक्रवार को वारिसलीगंज थानाध्यक्ष से एफआइआर दर्ज होने से संबंधित प्रतिवेदन की मांग की हैं.
जिले के वारिसलीगंज स्थित माफी निवासी स्व राजेंद्र सिंह के बेटे नवीन कुमार ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नवादा के न्यायालय में परिवाद संख्या 1537/2015 दायर किया था. इसमें जमीन से संबंधित दस्तावेजों की हेराफेरी को लेकर वारिसलीगंज अंचलाधिकारी अमित कुमार व सात नंबर के हल्का कर्मचारी संजय कुमार को भी मुद्दालय बनाया गया था. इस पर सीजेएम ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के अंतर्गत इनकी नौकरी को अभियोजित करनेवाले प्राधिकारी से स्वीकृति की मांग लाने का आदेश जारी किया था. इस निर्णय के विरुद्ध नवीन कुमार ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए सीडब्लूजेसी 560/2016 दाखिल किया था. इसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश ने अपने निर्णय में वरीय अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार व जवाहर प्रसाद कर्ण द्वारा पेश की गयी दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि भारतीय दंड विधान की धारा 420 के तहत मामला दर्ज करते हुए इस वाद में अग्रेतर कार्रवाई की जाये. मामले पर संज्ञान लेते हुए नवादा सीजेएम ने तत्संबंधित थानाध्यक्ष से एफआइआर दर्ज हुई है या नहीं, इसकी जानकारी हां या न में देने का आदेश जारी किया हैं. बताया जाता है कि इस मामले को लेकर परिवादी ने डीएम व एसपी से भी गुहार लगायी थी,लेकिन किसी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया.
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