लापरवाही. शहर में बरसात से पहले नालों की नहीं हुई उड़ाही
Advertisement
जलजमाव से मुश्किलें बढ़ीं
लापरवाही. शहर में बरसात से पहले नालों की नहीं हुई उड़ाही नवादा सदर : जिला मुख्यालय में सड़कों पर उभरे गड्ढे व नालियों से पानी का निकास नहीं होना, लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है. बरसात से पहले बड़े नालों की उड़ाही नहीं होने से नालियों का मुहाना बोतल के समान हो गया […]
नवादा सदर : जिला मुख्यालय में सड़कों पर उभरे गड्ढे व नालियों से पानी का निकास नहीं होना, लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है. बरसात से पहले बड़े नालों की उड़ाही नहीं होने से नालियों का मुहाना बोतल के समान हो गया है. घंटे भर की बारिश से पूरा शहर जलमग्न हो जाता है. पांच घंटे बाद ही पानी का निकास हो पाता है. जलजमाव से लोगों को काफी परेशानी हो रही है़ शहर के बीच से गुजरे कभी 12 गांव के खेतों में पानी पहुंचाने वाला बरहगैनिया पइन अब बरसात का पानी भी नहीं निकाल पा रहा है.
लोगों द्वारा किये गये अतिक्रमण का आलम यह है कि 20 फुट चौड़ी पइन अब मुश्किल से पांच फुट में सिमट गयी है. बरहगैनिया पइन के अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कई बार आंदोलन चला, लेकिन सब बेकार. हाल के छह माह पहले नवादा विधायक राजबल्लभ प्रसाद द्वारा पइन की उड़ाही शुरू करायी गयी थी, लेकिन उनके जेल जाने के बाद इस काम पर ब्रेक लग गया.
सड़कों में गड्ढे परेशानी का सबब
शहर के अस्पताल रोड को छोड़ दिया जाये, तो अधिकतर सड़कों पर गड्ढे बने रहने के कारण बरसात का पानी जमा हो जाता है. लबालब भरे पानी के कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है. स्टेशन रोड, पुरानी कचहरी रोड, गोला रोड की हालत बिल्कुल ही खराब है. नगर थाना गेट के पास सड़कों में बने गड्ढे काफी दिन से लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है. परंतु इसके सुधार की दिशा में संबंधित विभाग चुप्पी साधे बैठे हैं.
प्रजातंत्र चौक की ही हालत खराब बनी है. सात साल पहले हिसुआ-सिकंदरा रोड निर्माण के दौरान सड़क निर्माण करनेवाली कंपनी द्वारा रोड में गुणवत्ता के अनुसार काम नहीं किये जाने के कारण सड़कों की ढलाई बराबर नहीं की गयी. इसके फलस्वरूप बरसात का पानी सड़कों पर ही जमा हो जाता है. आने-जाने वाले यात्रियों के साथ स्थानीय दुकानदारों को काफी परेशानी होती है. घटिया गुणवत्ता वाली सड़कों की पोल इस बरसात में ही खुल रही है.
सड़कों में बने गड्ढे की जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी है, परंतु इसकी मरम्मत की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. दूसरी तरफ,अच्छी सड़क पर ही पिचिंग कर पैसे की निकासी की जा रही है. शहर की अधिकतर सड़कें नगर पर्षद के ही अधीन है.
अतिक्रमण से 20 फुट चौड़ा बरहगैनिया नाला अब पांच फुट में सिमटा
नाले के गंदे पानी से धिरा मकान.
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में नगर पर्षद की सड़कों का फिर से निर्माण के लिए नगर विकास मंत्रालय से राशि उपलब्ध नहीं हुई है. राशि आने के बाद सड़क का निर्माण हो पायेगा. बरहगैनिया पइन की सफाई भी कुछ क्षेत्रों में करायी गयी है. पॉलीथिन के कारण नाला जाम होता है.
कृष्ण मुरारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement