Advertisement
इलाज अस्पताल में, बाहर से खरीद रहे दवा
नवादा (सदर) : जिला मुख्यालय का सदर अस्पताल को तो कहने को जिला अस्पताल का दर्जा प्राप्त हुआ है, लेकिन मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. पिछले कई दिनों से अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण अस्पताल में भरती मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदकर लाना पड़ रहा है. […]
नवादा (सदर) : जिला मुख्यालय का सदर अस्पताल को तो कहने को जिला अस्पताल का दर्जा प्राप्त हुआ है, लेकिन मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. पिछले कई दिनों से अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण अस्पताल में भरती मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदकर लाना पड़ रहा है.
मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के प्रति अस्पताल प्रबंधन भी पूरी तरह सजग नहीं है. अस्पताल में दवाओं की स्टॉक खत्म होने के पहले ही राज्य स्वास्थ्य समिति को सूचना दिये जाने के बजाय, दवाएं खत्म होने पर पत्र लिखी जाती है. अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए कम कीमत पर मिलनेवाली जेनरिक दवाओं की दुकान को भी खोला जाना है. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से छह माह पहले ही इस पर मंतव्य मांगा गया था. लेकिन, सदर अस्पताल में अब तक जेनरिक दवाओं की दुकान नहीं खुली है.
अस्पताल के कुछ लोगों की मनमानी के कारण रोगियों को बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पाती है. सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे रोगी पहले से ही दवाओं के लिए पॉकेट में पैसे का इंतजाम करके आते हैं. अस्पताल में रोगियों को देखने वाले चिकित्सकों द्वारा लिखी गयी दवाएं कुछ मिलती है, तो कुछ बाजार से लाना पड़ता है. चिकित्सकों का स्पष्ट निर्देश होता है कि सभी दवाएं खाने के बाद ही फायदा होगा.
जांच केंद्रों पर लगी रहती है भीड़
सदर अस्पताल के जांच केंद्रों पर प्रतिदिन जांच के लिए सैकड़ों मरीजों की भीड़ लगी रहती है. जांच केंद्र के कर्मचारियों द्वारा मरीजों के साथ कुशल व्यवहार नहीं किये जाने से मरीजों में भी काफी रोष देखा जाता है. कई मरीजों ने बताया कि अल्ट्रा साउंड जांच व एक्स-रे सेंटर पर जान बूझकर मरीजों को परेशान किया जाता है.
इस संबंध में जब मरीजों द्वारा शिकायत की जाती है तो स्पष्ट रूप से कहा जाता हैकि यह रोज का काम है कितना जल्दी किया जाये. ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है,जब उन्हें इलाज के बाद अपने गांव जाने में परेशानी होती है. बल्ड जांच केंद्र पर भी मरीजों को सुविधाएं नहीं मिलती है. कई मरीजों ने बताया कि कभी-कभी जांच के नाम पर दस रुपये की मांग की जाती थी. परंतु मीडिया में खबर छपने के बाद रुपये मांगे जाने की घटना नहीं होती है.
इमरजेंसी सहित कई वार्डों में रोगियों को होती है परेशानी
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड सहित कई वार्डों में मरीजों को सुविधा नहीं मिलती है. बेड पर प्रतिदिन अलग-अलग रंग के चादर बिछाने के नियमों का भी पालन नहीं होता है. जैसे-तैसे चादरों को बिछा कर कार्यों की इतिश्री कर ली जाती है. महिला वार्ड, बच्चा वार्ड में भी सुविधाओं का अभाव है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement