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अपहरण व हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा

लगभग 14 साल बाद आया फैसला, 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी नवादा (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कौशलेश कुमार सिंह ने नगर थाना कांड संख्या 116/2002 के अभियुक्त पंकज चौरसिया को नाबालिग राहुल के अपहरण व हत्या के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 364ए, 201 में दोषी […]

लगभग 14 साल बाद आया फैसला, 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी
नवादा (कोर्ट) : व्यवहार न्यायालय के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश कौशलेश कुमार सिंह ने नगर थाना कांड संख्या 116/2002 के अभियुक्त पंकज चौरसिया को नाबालिग राहुल के अपहरण व हत्या के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 364ए, 201 में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि मृतक के माता-पिता को देने का आदेश दिया है. अर्थदंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा होगी.
जानकारी के अनुसार, उक्त वाद के सूचक राजेंद्र प्रसाद मूल्य रूप से शिवनगर लखीसराय के रहनेवाले है. नवादा में स्टेशन रोड के धर्मेंद्र सत्यर्थी के मकान में अपने पुत्र के साथ रह कर मोजैक का कार्य करते थे. 25 जून 2002 को उनके पुत्र का अपहरण कर लिया गया. इससे तीन लाख रुपये की मांग की गयी. इस संबंध में नवादा थाना कोड संख्या 116/2002 दर्ज करायी गयी थी. पांच दिन बाद सूचक के पुत्र राहुल कुमार का शव बेलगावं बरबीघा के पोखर में मिला. उक्त वाद के आरोपित पंकज चौरसिया वर्तमान समय में नवादा जेल में बंद है.
न्यायालय ने गवाहों के बयान व अपर लोक अभियोजक अरुण कुमार की दलील से संतुष्ट होकर गुणदोष के आधार पर अारोपित पंकज चौरसिया को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास तथा 364-ए के अंतर्गत आजीवन कारावास व 201 भादसं के अंतर्गत तीन वर्ष की सजा सुनायी है. तीनों धाराओं में पांच-पांच हजार कुल 15 हजार का अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है.

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