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मतपेटी को बंद व खोलने के बताये गये तरीके
बैलेट पेपर संबंधी भी चुनावकर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण नवादा (नगर) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चुनावकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बेहतर तरीके से चुनाव कार्य संपन्न कराने को लेकर कर्मचारियों को कई चरणों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है. पहले चरण के प्रशिक्षण के बाद अब दूसरे चरण […]
बैलेट पेपर संबंधी भी चुनावकर्मियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
नवादा (नगर) : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर चुनावकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बेहतर तरीके से चुनाव कार्य संपन्न कराने को लेकर कर्मचारियों को कई चरणों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गयी है.
पहले चरण के प्रशिक्षण के बाद अब दूसरे चरण के प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कन्हाई इंटर स्कूल में चल रहे प्रशिक्षण शिविर में चुनाव में भाग लेनेवाले पोलिंगकर्मी वन, पोलिंगकर्मी टू, पोलिंगकर्मी थ्री व पीठासिन पदाधिकारी को मतपेटी को बंद करने, खोलने, सील करने आदि से संबंधित जानकारी दी जा रही है. बुधवार को पी वन के रूप में काम करनेवाले चुनावकर्मियों को ट्रेनिंग दी गयी. पी वन के जिम्मे मुखिया व जिला पार्षद के बैलेट पेपर रहेगा, जिसे पी टू के माध्यम से बांटा जाना है.
इसके अलावे वोटरों को आइडेंटीफाइ करने का काम भी पी वन के जिम्मे है. द्वितीय चरण के प्रशिक्षण के दौरान 11 अप्रैल को पी थ्री, 12 अप्रैल को पी टू, 13 अप्रैल को पी वन व 14 अप्रैल को पीठासीन पदाधिकारी स्तर के कर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
20 मास्टर ट्रेनर दे रहे ट्रेनिंग : चुनाव कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम 20 मास्टर ट्रेंडरों द्वारा किया जा रहा है. मास्टर ट्रेंडरों द्वारा सबसे पहले राज्य चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये वीडियो फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से चुनावकर्मियों को दिखाया जाता है.
इनमें चुनाव सामग्री कलेक्ट करने से लेकर मतदान कराने व मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतपेटियों को जमा करने तक की जानकारी विस्तार से दी जाती है. साथ ही मास्टर ट्रेंडरों द्वारा व्यवहारिक प्रशिक्षण देते हुए मतपेटी खोलने, सील करने, मतदान के समय बरतें जानेवाले सावधानियों के बारे में जानकारी दी जाती है. मास्टर ट्रेनर के रूप में वरीय शिक्षक व अन्य अधिकारियों को लगाया गया है.
अव्यवस्था का दिखा आलम : पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से चुनावकर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी थी. उस प्रकार की स्थिति इस बार देखने को नहीं मिल रही है. दूसरे चरण के प्रशिक्षण को लेकर जो व्यवस्था की गयी है. उसमें कई गड़बड़ियां दिख रही है.
बुधवार को प्रशिक्षण अवधि सुबह 10 से एक बजे तक व दोपहर दो बजे से पांच बजे तक होने के बावजूद चुनाव कार्य में लगने वाले कर्मी प्रशिक्षण समाप्ति के पहले ही बरामदे पर घूमते नजर आये. प्रशिक्षण में भाग ले रहे कर्मियों ने कहा कि आयोग द्वारा 15 मिनट का वीडियो फिल्म दिखाने के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण के रूप में केवल मतपेटी खोलने व बंद करने की बात बतायी जा रही है. इस कारण प्रशिक्षण के तीन घंटे बोरियत भरा काम लग रहा है. जबकि मुश्किल से एक घंटे में इस प्रशिक्षण को समाप्त किया जा सकता है.
यदि प्रशिक्षण के लिए सारी सामग्री उपलब्ध हो, तो प्रशिक्षण को बेहतर तरीके से किया जा सकता था. प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला आपूर्ति पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार झा के अलावे राज्य खाद्य निगम के प्रबंधक प्रवीण कुमार दीपक, जिला शिक्षा पदाधिकारी गोरख प्रसाद, शिक्षा विभाग के स्थापना डीपीओ एसके मंडल, डीआरडीए के लेखा निदेशक आदि को मुख्य रूप से प्रशिक्षण का प्रभार दिया गया है. इन अधिकारियों द्वारा 20 मास्टर ट्रेंडरों की मदद से ट्रेनिंग देने का काम किया जा रहा है. लेकिन प्रशिक्षण की पर्याप्त सामग्री के अभाव में प्रशिक्षण में अव्यवस्था का आलम दिखा.
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