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अंगरेजी के प्रति बच्चों में पैदा करें जागरूकता

अंगरेजी के प्रति बच्चों में पैदा करें जागरूकता ब्लीस प्रोजेक्ट के तहत अंगरेजी शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग जिले के चयनित 40 शिक्षकों को मिल रहा नयी तकनीक से पढ़ाने का ज्ञानपांच से नौ जनवरी तक चलेगा प्रशिक्षणविधान पार्षद नवल किशोर यादव ने किया प्रशिक्षण वर्ग का निरीक्षणफोटो- 10प्रतिनिधि, नवादा (नगर)बिहार लैंग्वेज इनिसियेटिव फॉर […]

अंगरेजी के प्रति बच्चों में पैदा करें जागरूकता ब्लीस प्रोजेक्ट के तहत अंगरेजी शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग जिले के चयनित 40 शिक्षकों को मिल रहा नयी तकनीक से पढ़ाने का ज्ञानपांच से नौ जनवरी तक चलेगा प्रशिक्षणविधान पार्षद नवल किशोर यादव ने किया प्रशिक्षण वर्ग का निरीक्षणफोटो- 10प्रतिनिधि, नवादा (नगर)बिहार लैंग्वेज इनिसियेटिव फॉर सेकेंड्री स्कूल्स (ब्लीस) प्रोजेक्ट के तहत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों को अंगरेजी भाषा को बेहतर तरीके से पढ़ाने के बारे में विशेष प्रशिक्षण शुरुआत किया गया है. बिहार माध्यमिक शिक्षा परिषद के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन जिले में कन्हाई इंटर स्कूल में हो रहा है. प्रशिक्षण वर्ग की शुरुआत कन्हाई इंटर स्कूल के प्राचार्य राम शरण प्रसाद यादव, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद से जुड़े एआरपी राजीव रंजन, बीआरपी अमित कुमार, दिलीप कुमार, सहायक लेखापाल ब्रजेश कुमार, अनुभव कुमार के अलावा ब्रिटिश काउंसिल संस्था के प्रतिनिधि अरुण गणपति ने किया. प्रशिक्षण वर्ग में शिक्षकों को अंगरेजी के प्रति बच्चों में विशेष झुकाव पैदा करने व उनको रोचक तरीके से जागरूकता पैदा करने की जानकारी दी जा रही है. ब्रिटेन की संस्था ब्रिटिश काउंसिल व माध्यमिक शिक्षा परिषद साथ मिलकर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का काम कर रही है. ब्रिटिश काउंसिल से जुड़े अरुण गणपति ने बताया कि पूरे राज्य में 164 टीचर एजुकेटर की मदद से राज्य के 15 सौ शिक्षकों को अंगरेजी के आधुनिक शिक्षा पद्धती से जोड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिले के टीचर एजुकेटर नेशनल माफी स्कूल के सरजुन कुंभकार, इंटर स्कूल पकड़िया के चंद्रकांत सिंह, इंटर स्कूल पांडेय गंगौट के मुरारी कुमार, इंटर स्कूल लौंद के दिलीप कुमार ट्रेनिंग में आये शिक्षकों अंगरेजी भाषा के बेहतर टीचिंग विधि बनाने का काम कर रहे है. पांच दिनों तक चलेगा प्रशिक्षणब्लीस प्रोजेक्ट के तहत दिये जाने वाले प्रशिक्षण में शिक्षकों को नये तरीके से अंगरेजी पढ़ाने के गुर बताये जा रहे हैं. शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के लिए ग्रुप वर्क, पेयर वर्क, क्लास रूम में फेंडली रिलेशन डेवलप करने, बच्चों को पढ़ाने में भागीदार बनाने, क्लास रूम में इंग्लिश का वातावरण बनाने, अंगरेजी के विश्वव्यापी महत्व को बतलाने, अंगरेजी की जानकारी के अभाव में अच्छी योग्यता होने के बाद भी छोटे जॉब करने के लिए मजबूर होने, डे-टू-डे वर्क में अंगरेजी को शामिल करने, हायर एजुकेशन के लिए इंग्लिश के महत्व को बतलाने जैसे प्रशिक्षण शिक्षकों को दिया जा रहा है. शिक्षकों को बच्चों के साथ जुड़ कर इस भाषा को सरल बनाते हुए उन्हें बेहतर शिक्षा देने की बात बताया गया. आठ-आठ के ग्रुप में बंटे शिक्षक कन्हाई इंटर स्कूल में बनाये गये प्रशिक्षण वर्ग में अंग्रेजी शिक्षकों को बड़े ही आधुनिक तरीके से आठ-आठ शिक्षकों का ग्रुप बनाकर ट्रेंड किया जा रहा है. ब्लीस प्रोजेक्ट ट्रेनिंग में पांचों दिन अलग-अलग टॉपिक पर डिसकशन किया जायेगा. ट्रेनिंग के क्रम में शिक्षकों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए बतलाया जा रहा है. विधान पार्षद ने किया निरीक्षणअपने निजी काम से नवादा पहुंचे शिक्षक विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कन्हाई इंटर स्कूल में चल रहे ब्लीस प्रोजेक्ट ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि स्कील टीचर ही बेहतर तरीके से विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकते हैं. अंगरेजी का महत्व सर्वव्यापी है. यदि बिहार के विद्यार्थी अंगरेजी में बेहतर हो जाये तो देश के बड़े से बड़े परीक्षाओं में हमारे विद्यार्थी अपना शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं. अंगरेजी भाषा में कमजोरी के कारण ही गांव देहात के बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों के सामने पिछड़ना पड़ता है. हायर एजुकेशन के लिए अंगरेजी बहुत जरूरी है. इसे गांव के मीडिल व हाई स्कूलों में बेहतर तरीके से पढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने शिविर में प्रशिक्षकों को बेहतर तरीके से ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया.

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