नवादा (सदर) : गुरुवार को जिले में 24 दिसंबर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया गया. लोगों को जागरूक करने के लिए महज बच्चों की एक रैली निकाली गयी. जबकि, खुले स्थान पर कोई विशेष कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाने से उपभोक्तओं को अधिकारों की जानकारी नहीं मिल पायी.
गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन तो किया गया. परंतु, पिछले तीन माह से उपभोक्ता संरक्षण फोरम के अध्यक्ष का पद रिक्त होने के मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया़ गौरतलब है कि फोरम के अध्यक्ष के पद रिक्त होने के कारण जिले में 108 से मामले लंबित पड़े हैं. ऐसे में उपभोक्ता अपने अधिकार के संरक्षण के लिए अब कहां जायें.
उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए. जिला मुख्यालय के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी उपभोक्ताओं को उनके कार्यों के प्रति सतर्कता व अपने अधिकार के प्रति जागरूक बनाये जाने संबंधी कार्यक्रम भी चलाया जाना चाहिए. दवाओं की खरीद बिक्री हो या कोई भी अन्य सामान सभी खरीदार उपभोक्ता होते है.
जिस वस्तु का उपयोग/उपभोग करने के बदले कीमत चुकानी पड़े वैसे सामानों की क्रय के बाद उपभोक्ता अपने अधिकार के प्रति सजग हो जाये. यह भी सुनिश्चित कर लें की जिस वस्तु के बदले हम कीमत अदा कर रहे हैं. उसमें कहीं हम ठगे तो नहीं गये. यह सुनिश्चित नहीं होने के बदले में ही उपभोक्ता फोरम खरीदने के उपरांत भुगतान करने का प्रमाणपत्र बिल के रूप में अवश्य प्राप्त करें, ताकि ठगी का शिकार होने पर कोर्ट में जा सकें़
गुणवत्ता का रखें ध्यान
ग्राहक अपने अधिकारों के प्रति स्वयं जागरूक हों तो ठगी की शिकार से बचा जा सकता है. किसी भी वस्तु की खरीदारी करने से पहले उसकी गुणवत्ता व सत्यता पर ध्यान देना उपभोक्ताओं का कर्त्तव्य करना है.
किसी भी सामान की खरीदारी के बाद प्राप्ति रसीद उपभोक्ताओं की अधिकार को मजबूती प्रदान करता है. उपभोक्ता अधिकार के प्रति सजग हों तो उपभोक्ता ठगी का शिकार नहीं हो सकते है.
डॉ पूनम शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता