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सजने लगीं पटाखों की दुकानें

सजने लगीं पटाखों की दुकानें सुरक्षा मानकों का नहीं रखा जा रहा ख्याललाइसेंस के लिए प्रशासन के पास जमा कराये जा रहे आवेदनफोटो-5प्रतिनिधि, नवादा कार्यालयदीपावली को लेकर अभी से ही शहर में पटाखों की दुकानें सजने लगीं हैं. गली-गली में कई छोटे-छोटे दुकानें खोल कर भी पटाखे बेचे जा रहे है. पटाखों की दुकान खोलने […]

सजने लगीं पटाखों की दुकानें सुरक्षा मानकों का नहीं रखा जा रहा ख्याललाइसेंस के लिए प्रशासन के पास जमा कराये जा रहे आवेदनफोटो-5प्रतिनिधि, नवादा कार्यालयदीपावली को लेकर अभी से ही शहर में पटाखों की दुकानें सजने लगीं हैं. गली-गली में कई छोटे-छोटे दुकानें खोल कर भी पटाखे बेचे जा रहे है. पटाखों की दुकान खोलने के लिए सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. होटलों के समीप भी पटाखों की दुकान खोला जा रहा है. ऐसे में शहर के मुसलिम रोड का इलाका बारूद की ढेर पर बैठा जान पड़ता है. यहां कभी भी बड़ी घटना की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. प्रशासन की ओर से ऐसे सुरक्षा मानकों का पालन करनेवाले दुकानदारों को ही पटाखे बेचने का लाइसेंस दिया जाता है. परंतु, जिला मुख्यालय में कई ऐसी दुकानें भी खुल जातीं हैं, जिन्हें लाइसेंस उपलब्ध नहीं हो पाता है. प्रशासन के लाइसेंस के साथ-साथ नगर पर्षद व अग्निशमन विभाग की ओर से लाइसेंस लेना जरूरी हो जाता है. ऐसे तो प्रशासन से लाइसेंस से लेने के लिए दुकानदारों द्वारा प्रशासन के पास आवेदन-पत्र जमा कर दिया गया है. कई दुकानदार वर्षों पूर्व निरस्त हो चुके लाइसेंस के आधार पर ही दुकानों में पटाखे बेच रहे हैं. प्रशासन की ओर से ऐसे दुकानों की जांच नहीं किये जाने का नाजायज फायदा दुकानदार उठा रहे है. अग्निशमन विभाग की ओर से भी ऐसे दुकानों की पड़ताल नहीं किये जाने के कारण दुकानों में अग्नि से बचाव की सुरक्षा का ख्याल भी नहीं रखा जाता है. खुलती है अस्थायी दुकानें भी शहर के मुसलिम रोड, मेन रोड, पुरानी बाजार सहित कई गली मुहल्लों में पटाखों की कई दुकानें अस्थायी रूप से खुल जाती है. ऐसे में किसी बड़ी घटना होने पर दुर्गम रास्तों के कारण अग्निशमन दस्ता की टीम भी नहीं पहुंच पाती है. घने इलाकों में आतिशबाजी की दुकानें रहने से हमेशा घटना की संभावना बनी रहती है. लाइसेंस के लिए होड़दीपावली को लेकर स्थायी व अस्थायी रूप से पटाखों की दुकान खोलने के लिए नगर पर्षद व जिला प्रशासन के समक्ष लाइसेंस के लिए आवेदन जमा किये गये हैं. दुकानदारों का कहना है कि लाइसेंस के लिए आवेदन देने के बाद भी प्रशासन की ओर से टाल-मटोल रवैया अपनाया जाता है़ इसके कारण कई दुकानदार पुराने लाइसेंस पर ही पटाखे बेचने को मजबूर है. स्थानीय स्तर पर भी बन रहे पटाखेत्योहार आने के साथ ही स्थानीय स्तर पर भी कई गली-मुहल्लों में कुछ पटाखों का निर्माण का कार्य शुरू हो जाता है. इस वर्ष अभी तक ऐसे पटाखों का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है. प्रशासन की ओर से पटाखा निर्माण के लिए अनुमति नहीं दी जाती है, फिर भी विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघन कर पटाखे का निर्माण किया जाता है, जो कभी भी घटना का सबब बन सकता है. अभी लोगों का रुझान कम प्रत्येक साल की तरह इस वर्ष आतिशबाजी के प्रति लोगों में रुझान कम है. एक पखवारा से भी कम समय रहने के बाद भी पटाखों की बिक्री शुरू नहीं हो पायी है. प्रशासन की ओर से लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया भी दुकानदारों द्वारा शुरू कर दी गयी है.गुलाम मुस्तफा, पटाखा विक्रेता, मेन रोडबगैर लाइसेंस के दुकानों पर होगी कार्रवाई अवैध रूप से घने इलाकों में बगैर लाइसेंस के पटाखों की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. पटाखा बिक्री से संबंधित सभी शर्तों को पूरा करने वाले दुकानदारों को ही अस्थायी रूप से लाइसेंस दिया जा सकता है. राजेश कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, नवादा

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