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मार्च 2019 तक जिले की सभी 187 पंचायतों को करना है ओडीएफ
2017-18 के लिए 74 पंचायतों को खुले मे शौचमुक्त क्षेत्र करने का लक्ष्य 21 पंचायतों को किया गया खुले में शौच मुक्त क्षेत्र घोषित प्रचार-प्रसार का दिखने लगा है असर अक्षय की फिल्म टॉयलेट भी जगा रही जागरूकता नवादा : सुबह यदि आप गांव या शहर के झुग्गी-झोपड़ियों से होकर गुजरते है तो रोड या […]
2017-18 के लिए 74 पंचायतों को खुले मे शौचमुक्त क्षेत्र करने का लक्ष्य
21 पंचायतों को किया गया खुले में शौच मुक्त क्षेत्र
घोषित प्रचार-प्रसार का दिखने लगा है असर
अक्षय की फिल्म टॉयलेट भी जगा रही जागरूकता
नवादा : सुबह यदि आप गांव या शहर के झुग्गी-झोपड़ियों से होकर गुजरते है तो रोड या रेल पटरियों के किनारे शौच के लिए बैठे लोग बरबस यह सोचने पर विवश कर देते है कि हर प्रकार की सुविधा होने के बाद भी लोग खुले में शौच के लिए क्यों बैठे हैं. कुछ लोगों के पास तो आर्थिक रूप से मजबूरी या जमीन ही उपलब्ध नहीं होने की बाधा है,लेकिन कई लोगों के घर में शौचालय होने के बाद भी खुले में शौच करना एक आदत में शामिल हो गया है.
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी घरों में पक्का शौचालय बनाने की योजना के साथ ही उसके इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता फैलायी जा रही है. अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट ने इस समस्या को एक नयी आवाज देने का काम किया है. खुल में शौच मुक्त (ओडीएफ) जिला बनाने के लिए राज्य की सरकार अपने सात निश्चय के तहत पूरी ताकत के साथ काम कर रही है. सभी घरों में पक्का शौचालय बनवाकर शौच मुक्त क्षेत्र बनाने के संकल्प के साथ लगातार काम किया जा रहा है. शौचालय निर्माण के लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन हो इसके लिए जनजागरण और प्रचार के अन्य साधनों का भी इस्तेमाल हो रहा है.
शौचालय बनाने को लेकर लोगों के मन में हैं भ्रांतियां ़ बावजूद अकबरपुर के गाजीपुर गांव जैसे अन्य उदाहरण है, जहां आज भी शौचालय बनाने को लेकर लोगों के मन में भ्रांतियां है. इसके कारण अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है.
जिला स्तर पर लक्ष्य का निर्धारण करके शौचालय बनाने का काम हो रहा है. अगस्त 2016 में ही नारदीगंज प्रखंड के सभी पंचायतों के अलावे सभी प्रखंडों के एक-एक पंचायत को ओडीएफ करने पर काम शुरू किया गया. इसमें सफलता मिलने के बाद सत्र 2017-18 के लिए 74 चयनित पंचायतों के 1019 वार्डों के सभी घरों में शौचालय बनाने के लक्ष्य पर काम हो रहा है.
हर घर में बन रहा है पक्का शौचालय ़ मुख्यमंत्री के सात निश्चय में हर घर में पक्का शौचालय का निर्माण शामिल है. स्वच्छ भारत मिशन व लोहिया स्वच्छता योजना के तहत शौचालय का निर्माण पूरे जिला में किया जा रहा है.
व्यक्तिगत पारिवारिक शौचालय निर्माण के लिए परिवारों को आर्थिक मदद देने के साथ ही लोगों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जा रही है. सरकार की तरफ से लोगों को जागरूक बनाने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम किये जा रहे हैं. जीविका, साक्षरता कर्मी आदि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
54945 शौचालयों का हुआ निर्माण ़ खुले में शौच से मुक्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 में 25181 शौचालय का निर्माण किया गया. वहीं, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 31 अगस्त तक 9764 शौचालयों का निर्माण हो चुका है. शौचालय निर्माण के बाद वार्ड को ओडीएफ घोषित होने पर शौचालय बनाने वाले को योजना की राशि का भुगतान किया जाता है.
इस वर्ष चयनित 74 पंचायतों के 1019 वार्डों में से 73 वार्डों में अनौपचारिक रूप से खुले में शौच मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है. शेष स्थानों पर शौचालय का निर्माण हो, इसके लिए जनमानस को तैयार करने का प्रयास हर स्तर पर किया जा रहा है.
डीएम ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली को किया रवाना ़ डीएम कौशल कुमार ने खुले में शौच की समस्या से मुक्ति करने व लोगों को अपने घरों में शौचालय बनाने के लिए जागरूकता टीम को रवाना किया.
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कलाकारों का दल चौक-चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को शौचालय बनाने व उसका उपयोग करने के प्रति जागरूक करेंगे. इसके पहले जागरूकता टीम ने समाहरणालय में डीएम के समक्ष नुक्कड़ नाटक का मंचन शौचालय के नहीं रहने से महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाली परेशानियों को प्रस्तुत किया. गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार मार्च 2019 के पहले शत प्रतिशत घरों में पक्का शौचालय बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है.
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