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नालंदा में लेप्रोसी के 136 नये मरीज मिले 24 बच्चे भी हैं पीड़ित

एलसीडीसी में नये रोगियों की हुई पहचान बिहारशरीफ : नालंदा जिले में लेप्रोसी के 136 नये मरीज मिले हैं. चिह्नित नये मरीजों में से 24 बच्चे भी इस बीमारी से संक्रमित हैं. इन रोगियों की पहचान लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन (एलसीडीसी)में की गयी है.नये रोगियों की पहचान होने के बाद जिला लेप्रोसी निवारण विभाग और […]

एलसीडीसी में नये रोगियों की हुई पहचान

बिहारशरीफ : नालंदा जिले में लेप्रोसी के 136 नये मरीज मिले हैं. चिह्नित नये मरीजों में से 24 बच्चे भी इस बीमारी से संक्रमित हैं. इन रोगियों की पहचान लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन (एलसीडीसी)में की गयी है.नये रोगियों की पहचान होने के बाद जिला लेप्रोसी निवारण विभाग और भी सजग हो गया है.विभागीय अधिकारी से लेकर कर्मी तक अलर्ट हैं.नये रोगियों की पहचान होने के बाद विभागीय तौर पर संबंधित मरीजों का पंजीयन किया गया है.इन चिंहित लेप्रोसी के मरीजों की चिकित्सीय जांच के बाद इलाज तुरंत शुरू कर दिया गया है.
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नालंदा जिले में भी जिला कुष्ठ निवारण विभाग की ओर से एक माह तक लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन चलाया गया. यह कंपेन 30 मार्च से शुरू हुआ और 30 अप्रैल तक सघन रूप से जिले के हरेक प्रखंड में निरंतर चलता रहा. इस दौरान जिले को कुष्ठरोग मुक्त बनाने के लिए कर्मचारी हरेक घर में दस्तक देने का काम किया. इस होम सर्च अभियान में विभाग की ओर से 2309 टीमें पूरे जिलेभर में लगायी गयी थी. जिसमें आशा कार्यकर्ता शामिल है. इसके अलावा पुरुष वर्करों को भी खोज अभियान में लगाया गया था. संबंधित कर्मी घर-घर जाकर लोगों के शारीरिक जांच की. इस दौरान देखा गया कि संबंधित लोगों के शरीर के किसी अंग में सुनापन व तांबे रंग का दाग तो नहीं हैं.
4 लाख 11 हजार से अधिक घरों में दस्तक दिये कर्मी
कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान जिला लेप्रोसी विभाग की ओर से नये मरीजों की खोज करने के लिए जिले के 4 लाख 11 हजार 744 घरों में कर्मियों ने दस्तक दी.इस दौरान कर्मियों के द्वारा 21 लाख 61 हजार 102 लोगों के शरीर के अंगों की जांच की गयी.जिसमें से 411 लेप्रोसी के संदिग्ध मरीजों के रूप में चिंहित किये गये.इन संदिग्ध मरीजों की बाद में चिकित्सीय तौर पर जांच की गयी.जिसमें 136 लोगों में लेप्रोसी के कंफर्म मरीज के रूप में पुष्टि की गयी है.कंफर्म रोगियों में से 24 बच्चे भी इससे पीड़ित हैं. 136 कंफर्म मरीजों में से 87 पीबी व 49 एमबी कुष्ठ के रोगी हैं.
चिंहित रोगियों को दी गयी एमडीटी दवा
एलसीडीसी के दौरान चिंहित हुए 136 कंफर्म मरीजों को रोग मुक्त बनाने के लिए जिला लेप्रोसी निवारण विभाग की ओर से नि:शुल्क जीवनरक्षक दवाइयां उपलब्ध करायी गयीं.
दवा के रूप में एमडीटी की गोलियां दी गईं.चिकित्सा पर्यवेक्षक उमेश प्रसाद ने बताया कि इन मरीजों को उम्र के हिसाब से दवा का डोज खाने के लिए दिया गया है.पीबी के मरीज छह माह तक इसकी दवा का सेवन करेंगे.इसी तरह एमबी कुष्ठ के रोगी एक साल तक दवा खाएंगे.इन मरीजों पर विभाग की ओर से निगरानी रखी जायेगी.ताकी पता चल सके कि संबंधित रोगी डॉक्टर के सलाह के अनुसार दवा का सेवन कर पा रहे हैं या की नहीं.इसका मुख्य उद्देश्य है रोगियों को डिफॉल्टर होने से बचाने का.जब रोगी नियमित रूप से दवा लेंगे तो एक तप समय पर बीमारी ठीक हो जायेगी.जिससे समाज में इसका प्रसार नहीं हो पायेगा.साथ ही मरीज डिफॉल्टर नहीं हो पायेंगे.खासकर एमबी के रोगियों पर विशेष नजर रखी जायेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
लेप्रोसी केस डिडेक्शन कंपेन के दौरान चिंहित किये गये मरीजों को दवा उपलब्ध करा दी गयी है.नियमित रूप से दवा का सेवन करने की सलाह दी गयी है.नियमित रूप से दवा लेने से यह बीमारी ठीक हो जाती है.यह पूरी तरह से साध्य रोग है.छूआछूत की बीमारी नहीं है.
डॉ.रविन्द्र कुमार,डीएलओ,नालंदा

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